नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) पुडुचेरी प्रशासन ने प्रतिबंध के बावजूद तपेदिक (टीबी)-रोधी दवाओं की बिक्री करने वाले निजी और खुदरा दवा विक्रेताओं के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है।
औषधि नियंत्रण विभाग के सहयोग से राज्य टीबी प्रकोष्ठ छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है।
पुडुचेरी के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक डॉ. एस गोविंदराजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुडुचेरी प्रशासन ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत निजी दवा विक्रेताओं के लिए टीबी-रोधी दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था।
उन्होंने कहा कि यह कदम 2017 में केंद्रीय टीबी डिवीजन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के बाद उठाया गया था, जिसमें सलाह दी गई थी कि टीबी-रोधी दवाओं को केवल सरकारी स्रोतों के माध्यम से ही वितरित किया जाना चाहिए, ताकि उपचार का सख्त पालन सुनिश्चित किया जा सके और दवा प्रतिरोधी टीबी के जोखिम को कम किया जा सके।
गोविंदराजन ने बताया, ‘‘प्रतिबंध के बावजूद कुछ दवा विक्रेताओं द्वारा नियमों का पालन न करने के मामले सामने आने के बाद राज्य टीबी प्रकोष्ठ ने औषधि नियंत्रण विभाग के साथ समन्वय से लक्षित छापेमारी की शुरुआत की।’’
राज्य टीबी अधिकारी (एसटीओ) डॉ़. सी वेंकटेश ने बताया कि इन छापेमारियों का उद्देश्य अनधिकृत बिक्री को रोकना और सूचित किए बिना टीबी-रोधी दवाओं की बिक्री के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में दवा विक्रेताओं को जागरूक करना है।
डॉ. गोविंदराजन ने बताया कि पूरे पुडुचेरी में थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और फार्मासिस्टों के साथ कई जागरुकता बैठकें आयोजित की गईं।
उन्होंने बताया, “सभी को निर्देश दिया गया कि वे मरीजों को टीबी-रोधी दवाएं देना बंद करें और इसके बजाय ऐसे मामलों की रिपोर्ट करें।”
डॉ. वेंकटेश ने कहा कि समय के साथ इन उपायों से उल्लेखनीय सफलता मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘निजी माध्यम के जरिये टीबी-रोधी दवाओं की बिक्री में काफी गिरावट आई है।’’ कम मांग के कारण अधिकांश दवा दुकानदारों ने स्वेच्छा से टीबी-रोधी दवाओं का भंडार करना बंद कर दिया है।
डॉ. वेंकटेश ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में निजी चिकित्सकों को जागरूक किया गया और अब वे सक्रिय रूप से एसटीओ को टीबी के मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं, जिससे अधिक रोगियों को सरकार द्वारा समर्थित उपचार व्यवस्था के तहत लाया जा रहा है।
राज्य टीबी प्रकोष्ठ ने चिकित्सकों के साथ आमने-सामने की चर्चा के लिए शाम को निजी क्लीनिकों का दौरा करने के लिए तीन समर्पित टीम का गठन किया है, जिसमें टीबी के मामलों को अधिसूचित करने और उपचार पूरा करने में सहायता करने के महत्व पर जोर दिया गया है।
डॉ. वेंकटेश ने कहा, ‘‘पिछले दो महीनों में अब तक आठ संयुक्त छापे मारे गए हैं और निर्देशों का उल्लंघन करने वाले एक दवा दुकानदार के खिलाफ मुकदमा शुरू किया गया है।’’
पुडुचेरी में वर्ष 2015 की तुलना में टीबी के मामलों में 59 प्रतिशत की प्रभावशाली कमी दर्ज की गई है।
भाषा संतोष सुरेश
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