संबलपुर/कटक, छह जुलाई (भाषा) ओडिशा के संबलपुर जिले में महानदी पर बने हीराकुंड बांध के दरवाजे इस साल की वर्षा ऋतु में रविवार को पहली बार खोले गए। इससे पहले अधिकारियों ने नदी के निचले इलाकों में स्थित जिलों को अलर्ट जारी किया था।
मुख्य अभियंता एस के बेहरा ने संवाददाताओं को बताया कि पारंपरिक पूजा के बाद इस मौसम में पहली बार बांध के दरवाजे खोले गए। उन्होंने बताया कि हर साल की तरह सबसे पहले सात नंबर के गेट को खोला गया।
बेहरा ने बताया कि रविवार शाम छह बजे तक कम से कम 20 ऐसे गेट खोल दिए गए।
मुख्य अभियंता ने कहा कि लगातार बारिश और छत्तीसगढ़ के ऊपरी इलाकों से बढ़ते जल प्रवाह के कारण जलाशय में बढ़ते जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया।
यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, अधिकारियों ने पहले चरण में दोपहर 12 बजे तक आठ गेट खोल दिए थे, लेकिन बाद में बाढ़ के पानी को निकालने के लिए कुछ और गेट खोलने का फैसला किया गया।
इसके मुताबिक जलाशय में लगभग 2.50 लाख क्यूसेक पानी आया, जबकि 3.36 लाख क्यूसेक पानी की निकासी हुई।
अधिकारी ने बताया कि हीराकुंड बांध का पूर्ण जलाशय स्तर (एफआरएल) 630 फुट था और वर्तमान जल स्तर 610.04 फुट है। उन्होंने बताया कि महानदी में जलस्तर बढ़ने का कारण बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ में कलमा बैराज के 46 गेट खोले गए थे।
अधिकारी ने बताया कि इस बीच, कटक समेत महानदी के निचले इलाकों में स्थित 13 जिलों को अलर्ट कर दिया गया है और लोगों को सलाह दी गई है कि वे बाढ़ के पानी के नदी से गुजरने के दौरान नदी के पास न जाएं।
उन्होंने बताया कि नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को लाउडस्पीकर के जरिये नदी की कगारों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
कटक के कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने कहा कि जिला प्रशासन ने हीराकुंड जलाशय से मौसम की पहली बाढ़ का पानी आने के मद्देनजर सभी संभव उपाय किए हैं। उन्होंने बताया कि हीराकुंड से छोड़ा गया पानी सोमवार रात को मुंडाली बैराज तक पहुंचने की संभावना है।
भाषा धीरज सुरेश
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