नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) चुनौतियों की समीक्षा करने, सुधार शुरू करने और रक्षा तैयारियों में वित्तीय शासन की भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करने वाला एक प्रमुख रक्षा सम्मेलन सात से नौ जुलाई तक दिल्ली में आयोजित किया जाएगा जिसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ‘कंट्रोलर कॉन्फ्रेंस-2025’ का उद्घाटन करेंगे जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के भवन में रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) द्वारा आयोजित किया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि उद्घाटन समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेना प्रमुख, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) एस जी दस्तीदार और रक्षा लेखा महानियंत्रक मयंक शर्मा भी शामिल होंगे।
यह सम्मेलन को भारत के रक्षा वित्तीय ढांचे के भविष्य को आकार देने के लिहाज से एक अहम मंच के रूप में चिह्नित किया गया है।
नीतिगत संवाद, रणनीतिक समीक्षा और संस्थागत नवाचार के लिए एक प्रमुख मंच (कंट्रोलर कॉन्फ्रेंस) रक्षा और वित्त क्षेत्रों में रक्षा विभाग, सिविल सेवाओं, शिक्षाविदों, ‘थिंक टैंक’ और अन्य हितधारकों के शीर्ष नेतृत्व को एक साथ लाता है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह चुनौतियों का मूल्यांकन करने, सुधार शुरू करने और रक्षा तैयारियों में वित्तीय प्रशासन की भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।’’
इस वर्ष के सम्मेलन का विषय ‘रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र के माध्यम से वित्तीय सलाह, भुगतान, लेखा परीक्षा और लेखांकन में परिवर्तन’ है जो विभाग के भीतर एक आमूलचूल बदलाव को दर्शाता है। यह रक्षा विभाग को एक वित्त और लेखा निकाय से रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र पर केंद्रित भविष्य के लिए तैयार संस्थान में तब्दील करता है।
अधिकारियों ने कहा कि यह परिवर्तन, पिछले साल एक अक्टूबर को रक्षा मंत्री द्वारा व्यक्त रणनीतिक दृष्टि से निर्देशित, आंतरिक रूप से संचालित, समावेशी और उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरतों के साथ संरेखित है।
सम्मेलन में आठ उच्च-स्तरीय व्यावसायिक सत्र (मनन सत्र) आयोजित किए जाएंगे, जिनमें बजट और लेखा सुधार, आंतरिक लेखा परीक्षा पुनर्गठन, सहयोगात्मक अनुसंधान, मूल्य निर्धारण नवाचार और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘ये सत्र प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के लिए रणनीतिक समर्थन के साथ राजकोषीय प्रबंधन को संतुलित करने में एकीकृत वित्तीय सलाहकारों (आईएफए) की उभरती भूमिका का पता लगाएंगे।’’
पेंशन के लिए समर्पित 1.7 लाख करोड़ रुपये सहित 26.8 लाख करोड़ रुपये के रक्षा बजट का प्रबंधन करते हुए, रक्षा विभाग पेरोल, पेंशन संवितरण, लेखा परीक्षा, खरीद मूल्य निर्धारण और रणनीतिक वित्तीय सलाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बयान में कहा गया है कि पिछले नियंत्रक सम्मेलन के बाद से, रक्षा विभाग ने 206 संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए हैं और पूरे भारत में 200 से अधिक सेवा केंद्र स्थापित किए हैं।
भाषा नरेश संतोष
नरेश