रांची, छह जुलाई (भाषा) झारखंड की राजधानी में रविवार को व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुहर्रम मनाया गया और इस बीच भगवान जगन्नाथ की घूरती रथ यात्रा भी निकाली गई।
राज्य भर में मुहर्रम शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया तथा इस अवसर पर ताजिया निकाला।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत को सलाम किया।
सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हजरत इमाम हुसैन की शहादत मानव जाति को भाईचारे का संदेश देती है और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा देती है।’’
मुहर्रम के जुलूस से पहले, रविवार को गिरिडीह जिले में ताजिया की तैयारी के दौरान बिजली का करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा तीन अन्य घायल हो गए।
गिरिडीह के उपायुक्त (डीसी) रामनिवास यादव ने बताया कि यह घटना उस वक्त हुई, जब ताजिया का ऊपरी हिस्सा बिजली के तार के संपर्क में आ गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुहर्रम को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए पूरे झारखंड में ड्रोन की तैनाती और सीसीटीवी लगाने सहित पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
उन्होंने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर ड्रोन और सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया। रांची में प्रशासन ने मुहर्रम के अवसर पर रविवार को ‘मद्य निषेध दिवस’ घोषित किया था।
मुहर्रम के जुलूस के मद्देनजर रांची शहर में पूर्वाह्न 10 बजे से कई मार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
मुहर्रम के लिए रांची शहर में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई।
रांची के पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस और प्रशासन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट समेत हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं।’’
इस बीच, भगवान जगन्नाथ की अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ उनकी ‘मौसी बाड़ी’ से वापसी की रस्म यहां पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ निभाई गई।
भाषा सुभाष नरेश
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