मंगलुरु (कर्नाटक), सात जुलाई (भाषा) मंगलुरु की एक महिला से ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर बात की और “डिजिटल अरेस्ट” का बहाना बनाकर उसे ₹3.16 करोड़ से ज़्यादा की रकम अंतरित करने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
नाम न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए महिला (40) ने साइबर इकोनॉमिक एंड नारकोटिक्स क्राइम (सीईएन) पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में महिला ने कहा है कि छह जून को उसे एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने दावा किया कि वह राष्ट्रीय अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) का अधिकारी है।
उन्होंने बताया कि फोन करने वाले ने आरोप लगाया कि उसके पति के नाम पर पंजीकृत सिम कार्ड का “दुरुपयोग” किया जा रहा है। कॉल को कई बार स्थानांतरित किया गया और अंततः किसी ऐसे व्यक्ति ने फोन पर बात की जो स्वयं को सरकारी वकील बता रहा था।
अगले कुछ सप्ताह में जालसाजों ने उसकी व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी एकत्रित कर ली और उसे कई बार धन अंतरित करने का निर्देश दिया तथा आश्वासन दिया कि सत्यापन के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा।
इसकी शुरुआत एक व्यक्ति ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर की, लेकिन धीरे-धीरे कई लोग इस ठगी में शामिल हो गए। 10 से 27 जून के बीच उसने आरोपियों द्वारा बताए गए विभिन्न बैंक खातों में 3.16 करोड़ रुपये अंतरित किए।
पुलिस ने बताया कि महिला ने अपने बच्चों को यह बताने और ठगी का एहसास होने पर उनसे (पुलिस से) संपर्क किया।
मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
भाषा
शुभम प्रशांत
प्रशांत