मुंबई, सात जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार का ग्रामीण विकास विभाग एक फर्जी सरकारी आदेश (जीआर) की जांच कर रहा है जिसके आधार पर यहां से करीब 270 किलोमीटर दूर अहिल्यानगर जिले में 6.94 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की मंजूरी से लेकर निविदा तक जारी कर दी गई।
फर्जी सरकारी आदेश पिछले साल तीन अक्टूबर को जारी किया गया था, जो नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 15 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले था।
इस संबंध में सोमवार को एक अधिकारी ने बताया कि फर्जी आदेश जारी होने के बाद जिला स्तर पर निविदाएं जारी की गईं और अहिल्यानगर, पारनेर, श्रीगोंदा तथा नेवासा तालुकाओं में 45 कार्यों को मंजूरी दी गई।
अधिकारी ने कहा, ‘‘जब ठेकेदारों ने बाद में भुगतान के लिए संपर्क किया, तो मंत्रालय के अधिकारियों ने फाइल की समीक्षा की और पाया कि उस तारीख को कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। यह जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला निकला। भुगतान तुरंत रोक दिया गया और विभागीय जांच के आदेश दिए गए।’’
पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही राज्य सरकार ने कई हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दे दी थी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने इस स्थिति का फायदा उठाकर फर्जी आदेश जारी किया। हमें अभी यह पता लगाना है कि क्या इस तरह की घटनाएं कहीं और भी हुई हैं।’’
भाषा नेत्रपाल संतोष
संतोष