छत्रपति संभाजीनगर, सात जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले की एक विशेष अदालत सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े मामले के मुख्य आरोपी वाल्मीक कराड की उसे आरोप मुक्त करने के अनुरोध वाली याचिका पर 22 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी। विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कराड फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में है। उसने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत स्थापित अदालत में अप्रैल में याचिका दायर कर खुद को मामले में आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया था। कराड ने दलील दी थी कि सरपंच हत्याकांड में उसके खिलाफ कोई प्राथमिक सबूत नहीं है।
निकम ने कराड की याचिका पर अभियोजन पक्ष की दलीलें पेश कीं और उसके खिलाफ पुलिस की ओर से जुटाए गए सबूत अदालत के समक्ष पेश किए।
विशेष लोक अभियोजक ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘अदालत वाल्मीक कराड की उसे आरोप मुक्त करने के अनुरोध वाली याचिका पर 22 जुलाई को फैसला सुनाएगी। अभियोजन पक्ष ने एक अलग याचिका में आरोपी की संपत्ति जब्त करने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है। सहायक अभियोजक बालासाहेब कोल्हे ने याचिका पर दलीलें पेश कीं, जिस पर अदालत उसी दिन (22 जुलाई) आदेश पारित करेगी।’’
निकम ने बताया, ‘‘कुछ अन्य आरोपियों ने भी अपनी संपत्ति जब्त करने की अनुमति न देने का अनुरोध करते हुए याचिकाएं दायर की हैं। इन याचिकाओं पर भी 22 जुलाई को फैसला आएगा।’’
किसी मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद आरोपी को बरी किया जा सकता है, अगर अदालत की राय में उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया अपराध नहीं बनता है। फिर आरोपी को मामले में मुकदमे से गुजरने की जरूरत नहीं होती।
बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को एक ऊर्जा कंपनी को कथित तौर पर निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास करने पर अगवा कर लिया गया था और कठोर यातनाएं दी गई थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
मामले में अब तक कराड सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उन पर कठोर मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने हत्या मामले और दो संबंधित अपराधों में अदालत में 1,200 से अधिक पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है।
भाषा पारुल दिलीप
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