रायपुर, सात जुलाई (भाषा) कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनाव पूर्व किए गए अपने वादों से मुकरने का आरोप लगाया और लोगों से अपने ‘जल, जंगल और जमीन’ की रक्षा की लड़ाई में एकजुट रहने को कहा।
खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा देश में ‘हर किसी’ को डराने की कोशिश कर रही है और अपने विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
भारी बारिश के बीच रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में ‘जय जवान-जय किसान-जय संविधान’ नामक एक सभा को संबोधित करते हुए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि मोदी सरकार गरीबों को ‘लूट’ रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि उनके पास देश-विदेश का दौरा करने का समय है, लेकिन मणिपुर जाने का वक्त नहीं है, जहां मई 2023 से जातीय संघर्ष चल रहा है।
उन्होंने कहा, ”जब राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान फरवरी, 2023 में हमारी पार्टी का 85वां पूर्ण अधिवेशन आयोजित किया गया था, तब हमारे कार्यक्रम को खराब करने के लिए मोदी जी और शाह के इशारे पर हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिसरों पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आईटी (आयकर) ने छापे मारे थे।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”उन्होंने हमारे तत्कालीन मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को धमकाने की कोशिश की, लेकिन छत्तीसगढ़ के लोग डरे नहीं और मुंहतोड़ जवाब दिया तथा एक पूर्ण अधिवेशन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।”
उन्होंने कहा, ”भाजपा अब भी ईडी और आईटी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके हमारे नेताओं को डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम कभी नहीं डरेंगे। छत्तीसगढ़ में हमारी पार्टी के नेताओं को (जांच एजेंसियों का उपयोग करके) परेशान किया जा रहा है जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री (भूपेश बघेल) भी शामिल हैं।”
खरगे ने कहा, ”उन्होंने (भाजपा) नेशनल हेराल्ड मामले में (कांग्रेस नेताओं) सोनिया गांधी और राहुल जी को भी फंसाने की कोशिश की। वे हमेशा कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। हर किसी को डराना उनकी आदत है। आप तभी बच पाएंगे जब आप डरेंगे नहीं।”
कांग्रेस ने नेता ने कहा, “अगर हमें अपने जल, जंगल, जमीन की रक्षा करनी है तो आप सभी को उनके (भाजपा) खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना होगा।”
खरगे ने कहा कि भाजपा हमेशा (द्रौपदी) मुर्मू और (राम नाथ) कोविंद को देश का राष्ट्रपति बनाने की बात करती है, लेकिन क्या पार्टी ने यह सब ‘हमारी संपत्ति, जंगल, जल और जमीन छीनने’ के लिए किया है।
उन्होंने आरोप लगाया, “आज, अदाणी और अंबानी जैसे लोग यहां (छत्तीसगढ़) आ रहे हैं और जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। वे (खनन के लिए जंगलों में) लाखों पेड़ काट रहे हैं और ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा है। मोदी जी हमारे आदिवासी भाइयों और छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन को नष्ट कर रहे हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ”(केंद्रीय गृह मंत्री अमित) शाह बार-बार छत्तीसगढ़ क्यों आ रहे हैं? क्या यह आपका घर है या आपका ससुराल?… बहुत सारे उद्योगपति केवल राज्य में कोयला और अन्य खनिज भंडारों को लूटने के लिए आ रहे हैं और उन्हें यहां के लोगों की कोई चिंता नहीं है।”
खरगे ने कहा, “मोदी जी और शाह जी उनका (उद्योगपतियों का) समर्थन करते रहे हैं। शाह प्राकृतिक संसाधनों की जांच करने के लिए यहां आते हैं।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2018 से 2023 तक जब राज्य की सत्ता में थी तब पार्टी ने राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने की कोशिश की।
खरगे ने यह भी कहा कि शाह के सहकारिता मंत्रालय द्वारा स्थापित किए जा रहे सहकारी विश्वविद्यालय के निदेशक अमीर व्यक्ति होंगे।
उन्होंने कहा, ”जब मैं कर्नाटक में सहकारिता मंत्री था… गरीब लोग सदस्य नहीं बन सकते थे, इसलिए मैंने सरकारी पैसे से उन्हें सदस्य बनाया और फिर सहकारी समिति में निदेशक बनाया। मैं आपको (शाह को) चुनौती देता हूं कि आप भी ऐसा करके दिखाएं।”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा, राज्य के मुख्यमंत्री उनके (प्रधानमंत्री और गृह मंत्री) निर्देशों का पालन करते हैं और अगर वे (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री) कहते हैं उठो, तो वह (साय) उठ जाते हैं, अगर वे कहते हैं बैठो, तो वह बैठ जाते हैं।
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “वह (मुख्यमंत्री) इससे बहुत परेशान हैं, लेकिन वह क्या कर सकते हैं। उन्हें कुर्सी मिल गई है और वह इसे छोड़ना नहीं चाहते। वह कितना भी अपमान सह लें। मगर यह उनका अपमान नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। हमारे मुख्यमंत्री झुककर उन्हें सलाम करते हैं। यह छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।”
उन्होंने कहा, ”वे ‘डबल इंजन’ सरकार (केंद्र और राज्य में भाजपा शासन) के बारे में बात करते हैं। ‘डबल इंजन’ क्या है? जब एक ट्रेन दो इंजनों का उपयोग करके चलाई जाती है तो उसे ‘डबल इंजन’ कहा जाता है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग सरकारें हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री और शाह से सिर झुकाकर बात करते हैं। फिर वह ‘डबल इंजन’ कैसे है? गाड़ी ऐसे नहीं चलती। यह सिर्फ गुलामी है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले बहुत सारे वादे करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें भूल जाती है।
राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की पिछली सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”हमारी कांग्रेस सरकार ने किसानों, मजदूरों, आदिवासियों और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम किया। इसने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, कर्जमाफी की, आदिवासियों को अधिकार दिए, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल और हाट बाजार क्लीनिक शुरू किए…।”
उन्होंने कहा, “ इन लोगों (वर्तमान भाजपा सरकार) ने क्या किया? हमने जो कुछ भी किया, उसे रोकने का काम किया और उसे रोकने के बाद वे लोगों को डरा रहे हैं।”
खरगे ने कहा, ”छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही वह अपने वादे भूल गई, युवाओं और किसानों को धोखा दिया। वे हमेशा झूठ बोलते हैं। मोदी जी झूठे हैं। वह संसद और विधानसभा में कैसे आ गए, मुझे समझ नहीं आता।”
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “उन्होंने (मोदी ने) लोगों को कितना धोखा दिया है। उन्होंने कहा था कि वह 15 लाख रुपये देंगे, दो करोड़ नौकरियां देंगे और एमएसपी दोगुना कर देंगे। वह बहुत झूठ बोलते हैं और इसलिए मैं उन्हें ‘झूठों का सरदार’ कहता हूं।”
खरगे ने कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद दो बार आयोजित सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की और इसे देश के लोगों के लिए शर्म और अनादर की बात बताया।
उन्होंने कहा, “मोदी जी कई देशों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन उनके पास मणिपुर जाने का समय नहीं है, जो जल रहा है।”
उन्होंने आरएसएस नेता द्वारा संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने के आह्वान को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के संविधान में ‘समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को शामिल किया गया है और अब इन शब्दों को भारत के संविधान से हटाने की मांग की जा रही है।
उन्होंने भाजपा के संविधान की प्रतियां लोगों को दिखाते हुए कहा कि 1980 में जब भाजपा की स्थापना हुई थी, तब जो संविधान बना था, उसमें समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता दोनों शब्द शामिल हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ”क्या मेरे पिता ने यह लिखा है? किसने लिखा है? जब 1980 में आपकी पार्टी की स्थापना हुई थी, तब यह लिखा गया था। अब हमें बताइए कि इन शब्दों को (संविधान से) हटा दें। अगर हिम्मत है तो इन्हें हटाने का प्रयास करें, पूरा देश हमारे साथ खड़ा होगा।”
भाषा संजीव नोमान
नोमान