लखनऊ, सात जुलाई (भाषा) समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में धार्मिक आधारभूत ढांचा परियोजनाओं और भूमि अधिग्रहण के मामलों में भाजपा सरकार पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर संतुलित विकास का उदाहरण पेश करेगी।
यहां संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा कि इस सरकार ने कांवड़ियों को आश्रय स्थलों, स्वास्थ्य सुविधाओं और भोजन उपलब्ध कराने में पिछले कुछ वर्षों में क्या किया? केंद्र और प्रदेश सरकारों ने कांवड़िया कॉरिडोर अब तक क्यों नहीं बनाया?
उन्होंने ने एक ऐसा कॉरिडोर बनाने का वादा किया जिससे यातायात में दिक्कत नहीं आएगी और स्थानीय दुकानदारों को नुकसान भी नहीं होगा। साथ ही उस स्थान की सुंदरता भी बनी रहेगी।
यादव ने कहा, “हमारा काम अनुकरणीय रहा है। दुनिया ने हमारा मॉडल देखा है। मौजूदा प्रशासन के विकास के मॉडल में पारदर्शिता और समावेशिता की कमी है।”
नदियों में प्रदूषण के संदर्भ में उन्होंने सीवेज शोधन संयंत्रों के बंद होने का आरोप लगाते हुए कहा, “यह बहुत चुपके से किया जा रहा है ताकि कोई रिकॉर्ड उपलब्ध ना रहे और किसी को भी जवाबदेह ना ठहराया जा सके।”
मथुरा में वृंदावन कॉरिडोर परियोजना के संदर्भ में उन्होंने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार विकास के नाम पर धरोहर स्थलों के साथ छेड़छाड़ कर रही है।
यादव ने कहा, “हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जो विकास विरासत, सौंदर्य और स्थानीय कारीगरों एवं व्यापारियों की आजीविका नष्ट करे, उसका विरोध किया जाना आवश्यक है।”
सपा प्रमुख ने कहा, “तीर्थ विकास परिषद मूल रूप से समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा शुरू की गई थी। उन्होंने बस इसका नाम बदला है।”
उन्होंने भाजपा नेताओं पर अपने सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी परियोजनाओं का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
यादव ने कहा, “ठेके उनके अपने लोगों को दिए जा रहे हैं, दुकानें दी जा रही हैं और दान लिए जा रहे हैं।”
भाषा अभिनव राजेंद्र नोमान
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