नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) तिब्बत पर सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सोमवार को दलाई लामा संस्था और उनके उत्तराधिकारी को चुनने के उसके अधिकार को वैश्विक मान्यता दिए जाने का आह्वान किया।
यह मंच विभिन्न दलों के सांसदों का एक समूह है। चीन का दावा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का एकमात्र अधिकार उसके पास है।
अरुणाचल पूर्व से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तापिर गाओ ने कहा कि मंच ने अपनी पिछली बैठकों में दलाई लामा के लिए भारत रत्न की मांग की थी। दलाई लामा का 90वां जन्मदिन छह जुलाई को मनाया गया।
मंच की पिछली बैठक इस वर्ष मार्च में हुई थी।
मंच के सह-संयोजक गाओ ने कहा, ‘दलाई लामा की संस्था तिब्बती बौद्धों की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में निहित है। इस मामले में चीन की कोई भूमिका नहीं है। दुनिया को इसे जानना चाहिए।’
मंच के सदस्यों में भाजपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के सांसद शामिल हैं और उनमें से 80 से अधिक ने इस मांग पर हस्ताक्षर किए हैं कि दलाई लामा को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना चाहिए।
गाओ ने कहा कि उन्होंने शांति, करुणा, मानवता और सार्वभौमिक बंधुत्व के प्रति दलाई लामा के समर्पण को मान्यता के रूप में लोकसभा में यह मांग उठाई है।
तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा ने पूर्व में कहा था कि संस्था जारी रहेगी और केवल इसके ट्रस्ट को ही भविष्य के पुनर्जन्म को मान्यता देने का अधिकार होगा, जो उनका उत्तराधिकारी होगा।
गादेन फोडरंग ट्रस्ट की स्थापना 2015 में दलाई लामा कार्यालय द्वारा की गई थी। हालांकि, चीन ने इस बात पर जोर दिया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार केवल उसके पास है।
भाषा आशीष सुरेश
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