नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) जापानी तटरक्षक बल (जेसीजी) का जहाज ‘इत्सुकुशिमा’ सोमवार को चेन्नई बंदरगाह पहुंच गया। यह यहां एक सप्ताह की यात्रा पर रहेगा और इस बीच भारत के साथ कई द्विपक्षीय गतिविधियों में भाग लेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
चेन्नई यात्रा के बाद ‘इत्सुकुशिमा’ भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ ‘एक्सरसाइज जा माता’ (बाद में मिलते हैं) नाम के संयुक्त समुद्री अभ्यास में भाग लेगा।
अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यास समुद्र में समन्वय और अभियान तालमेल बढ़ाने पर केंद्रित होगा।
आईसीजी ने कहा, ‘‘इसके अलावा आईसीजी के चार अधिकारी सिंगापुर जाने के दौरान ‘सी राइडर्स’ के रूप में ‘इत्सुकुशिमा’ पर सवार होंगे, जिससे दोनों सेनाओं के बीच सौहार्द और पेशेवर आदान-प्रदान को और मजबूती मिलेगी।’’
अपने वैश्विक महासागरीय यात्रा प्रशिक्षण के तहत सोमवार को जेसीजी जहाज चेन्नई बंदरगाह पर पहुंचा।
आईसीजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह यात्रा भारतीय तटरक्षक बल तथा जापान तटरक्षक बल के बीच गहरे एवं स्थायी संबंधों को उजागर करती है तथा महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उनकी रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि करती है।
इसने कहा कि कैप्टन नाओकी मिजोगुची की कमान वाले ‘इत्सुकुशिमा’ के आगमन पर पारंपरिक भारतीय शैली में इसका जोरदार स्वागत किया गया।
चेन्नई में एक सप्ताह तक जारी रहने वाले अपने बंदरगाह प्रवास के दौरान, ‘इत्सुकुशिमा’ के चालक दल के सदस्य यहां पेशेवर और सांस्कृतिक गतिविधियों की एक श्रृंखला में भाग लेंगे..।’’
अधिकारी ने बताया कि आधिकारिक कार्यक्रमों के तहत वाइस एडमिरल होराकी काओसु के नेतृत्व में जेसीजी प्रतिनिधिमंडल भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि से मुलाकात करेगा।
उन्होंने कहा कि जेसीजी प्रतिनिधियों और पूर्वी समुद्र तट के तटरक्षक कमांडर, अतिरिक्त महानिदेशक डॉनी माइकल के बीच द्विपक्षीय चर्चा भी निर्धारित है।
आईसीजी ने बताया कि संयुक्त योग सत्र और खेल गतिविधियों सहित कई अन्य पेशेवर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिसका समापन 12 जुलाई को होगा।
इसमें यह भी कहा गया कि यह यात्रा आईसीजी और जेसीजी के बीच मजबूत और विकसित होती साझेदारी को रेखांकित करती है, जो 2006 में हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर आधारित है और जिसका दोनों देशों द्वारा समर्थन किया गया है।
भाषा यासिर नेत्रपाल
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