मुंबई, सात जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने सोमवार को कहा कि मराठी ‘मानुष’ का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मराठी भाषी लोगों की क्षमताओं पर सवाल उठाने की कोई जरूरत नहीं है।
शेलार ने विधान परिषद में स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार किसी भी सांसद द्वारा मराठी मानुष (मराठी भाषी लोगों) की क्षमताओं पर सवाल उठाए जाने के प्रयासों को स्वीकार नहीं करेगी।
यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं झारखंड से लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में आई है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मराठी मानुष का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इससे पहले मुंबई के बांद्रा से विधायक ने विधानसभा में कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मराठी भाषियों का योगदान सर्वविदित है और फिल्मों सहित जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी उनका योगदान सर्वविदित है।
शेलार ने विधानसभा में कहा, ‘‘मराठा इतिहास और मराठी विरासत गौरवशाली है। मैं अपना रुख स्पष्ट करना चाहता हूं। झारखंड के संबंधित सांसद कानून के अनुसार सार्वजनिक रूप से अपना रुख व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन मराठी भाषियों की क्षमताओं पर सवाल उठाने की कोई जरूरत नहीं है। सकल घरेलू उत्पाद में मराठी भाषियों का योगदान देश को पता है। एक मराठी भाषी ने देश में पहली फिल्म बनाई और दूसरे ने नौसेना का निर्माण किया।’’
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी मराठी भाषियों के समाज में योगदान या उनकी क्षमताओं पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।
दुबे का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘‘यदि सांसद को इस बारे में पता नहीं है, तो हम उन्हें विस्तृत जानकारी भेजेंगे।’’
शेलार ने कहा, ‘‘मराठी भाषी किसी के पैसों पर नहीं जीते।’’
भाजपा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार राज्य में मराठी या गैर-मराठी भाषियों के साथ अन्याय नहीं होने देगी।
झारखंड के गोड्डा से लोकसभा सदस्य दुबे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले, यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मारकर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर खुद ही फैसला कर लो।’’
भाषा अमित नेत्रपाल
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