(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ब्रिक्स समावेशी बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि खासकर ऐसे समय जब वैश्विक संस्थाएं वैधता और प्रतिनिधित्व के संकट का सामना कर रही हैं, इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
सीतारमण ने ब्राजील के रियो डी जिनेरियो में ब्रिक्स वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर (एफएमसीबीजी) की बैठक में कहा कि भारत ने मजबूत घरेलू मांग, सूझबूझ वाले वृहद आर्थिक प्रबंधन और लक्षित राजकोषीय उपायों के माध्यम से मजबूत दिखायी है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से सोशल मीडिया मंच पर ‘एक्स’ पर दी गयी जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्री ने कहा कि व्यापार और वित्तीय प्रतिबंधों के संदर्भ में भारत ने नीतिगत उपायों के जरिये बाजारों में विविधता लाने, बुनियादी ढांचे की अगुवाई में वृद्धि को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धी क्षमता और उत्पादकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संरचनात्मक सुधारों को लागू करने पर ध्यान दिया है।
सीतारमण ने भारत के नजरिये को रखते हुए कहा कि ब्रिक्स समावेशी बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। ऐसे समय जब वैश्विक संस्थान वैधता और प्रतिनिधित्व के संकट का सामना कर रहे हैं, ब्रिक्स को सहयोग को मजबूत करके, भरोसेमंद सुधारों की वकालत करके और वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाकर उदाहरण पेश करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु और विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में दक्षिण-दक्षिण सहयोग महत्वपूर्ण बना हुआ है। वैश्विक दक्षिण से जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने को लेकर प्रमुख रूप से बोझ उठाने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। ब्रिक्स देश सतत विकास के लिए सहयोग को प्रगाढ़ बनाने को लेकर अच्छी स्थिति में हैं।’’
सीतारमण ने ब्रिक्स सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर की बैठक के मौके पर, रूस और चीन के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और द्विपक्षीय सहयोग और हितों के मुद्दों पर चर्चा की।
भाषा रमण अजय
अजय