रियो डी जेनेरियो, सात जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि इसकी अध्यक्षता के तहत भारत समूह को एक नए स्वरूप में परिभाषित करने के लिए काम करेगा और इसका उद्देश्य ‘सहयोग एवं स्थिरता के लिए लचीलापन एवं नवाचार का निर्माण करना’ होगा।
भारत अगले वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा।
पर्यावरण और वैश्विक स्वास्थ्य पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि पृथ्वी का स्वास्थ्य और लोगों का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
मोदी ने कहा, “भारत के लिए जलवायु न्याय कोई विकल्प नहीं है; यह एक नैतिक कर्तव्य है।” उन्होंने कहा, “जहां कुछ लोग इसे संख्याओं में मापते हैं, वहीं भारत इसे मूल्यों में जीता है।”
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता के दौरान भारत की संभावित प्राथमिकताओं का भी संकेत दिया।
उन्होंने कहा, “भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के तहत, हम ब्रिक्स को एक नए रूप में परिभाषित करने के लिए काम करेंगे। ब्रिक्स का अर्थ होगा – सहयोग और स्थिरता के लिए लचीलापन तथा नवाचार का निर्माण करना।”
मोदी ने किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने हमें सिखाया है कि वायरस वीजा लेकर नहीं आते और समाधान भी पासपोर्ट देखकर नहीं चुने जाते।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विकासशील देशों को भी भविष्य के प्रति वैसा ही विश्वास होना चाहिए जैसा विकसित देशों को है।
उन्होंने कहा कि भविष्य को लेकर जो आत्मविश्वास विकसित देशों में है, वही आत्मबल इन देशों में भी होना चाहिए।
ब्रिक्स के शीर्ष नेताओं ने ब्राजील के समुद्र तटीय शहर में समूह के दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन में विश्व के समक्ष उपस्थित विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फतह अल-सिसी भी सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।
ब्रिक्स एक प्रभावशाली समूह के रूप में उभरा है, क्योंकि यह विश्व की 11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है, जो वैश्विक जनसंख्या का लगभग 49.5 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के लगभग 26 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बने ब्रिक्स का 2024 में विस्तार किया गया, जिसके तहत मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को समूह में शामिल किया गया। इंडोनेशिया 2025 में ब्रिक्स में शामिल हुआ।
भाषा
प्रशांत नेत्रपाल
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