नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ आरोपों पर दलीलों को स्थगित कर दिया और उनके वकील को चेतावनी देते हुए भविष्य में सावधानी बरतने के लिए कहा।
मिश्रा के वकील ने स्थगन की मांग की थी। मिश्रा के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया उस मामले की सुनवाई कर रहे थे जिसका संबंध 23 जनवरी, 2020 को उनके ‘एक्स’ हैंडल से दिल्ली विधानसभा चुनाव से संबंधित आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने से है।
अदालत ने कहा, ‘‘वकील हिमांशु सेठी की ओर से स्थगन की मांग की गई है, जिसमें कहा गया है कि वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग (मिश्रा के वकील) अपनी व्यक्तिगत कठिनाई के कारण (सुनवाई में) उपस्थित नहीं हो सके। भविष्य में सावधानी बरतने की चेतावनी के साथ स्थगन की अनुमति दी जाती है। आरोपों पर आगे की जिरह 18 जुलाई को होगी।’’
इसने कहा कि दिल्ली पुलिस ने संबंधित एसीपी की दलीलों को ध्यान में रखते हुए एक अतिरिक्त पूरक आरोपपत्र दायर किया था, जिन्होंने कहा था कि जांच ‘सभी मामलों में’ समाप्त हो गई है।
अदालत ने कहा, ‘‘ट्विटर (अब एक्स) से प्राप्त जवाब को अतिरिक्त पूरक आरोपपत्र के साथ-साथ अन्य दस्तावेजों के साथ दायर किया गया है। आरोपों पर लिखित दलीलें दायर की गई हैं।’’
इसने मिश्रा के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत अपराध का संज्ञान लिया।
विशेष अदालत ने ‘आपत्तिजनक बयान’ देने और 2020 में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए समन जारी करने के खिलाफ मिश्रा की याचिका सात मार्च को खारिज कर दी थी।
भाषा संतोष नेत्रपाल
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