नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) इक्विटी शेयर वायदा एवं विकल्प खंड में वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 91 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों को घाटा हुआ। सेबी के सोमवार को जारी अध्ययन में यह कहा गया है।
वित्त वर्ष 2023-24 में भी इसी तरह का रुझान देखा गया था।
अध्ययन के अनुसार, व्यक्तिगत कारोबारियों का शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में 41 प्रतिशत बढ़कर 1,05,603 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 74,812 करोड़ रुपये था।
इसके साथ ही, वायदा और विकल्प खंड में कारोबार करने वाले व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि, यह दो साल पहले की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है।
सेबी ने खासकर एक अक्टूबर, 2024 को इक्विटी सूचकांक वायदा एवं विकल्प ढांचे को मजबूत करने के लिए उपाय पेश करने के बाद इक्विटी वायदा एवं विकल्प (ईडीएस) खंड में कारोबारी गतिविधियों का मूल्यांकन करने को लेकर यह विश्लेषण किया है। विश्लेषण में सभी निवेशकों को शामिल किया गया और दिसंबर, 2024 से मई, 2025 तक व्यक्तिगत कारोबारियों पर गौर किया गया है।
अध्ययन में कहा गया, ‘‘इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड में व्यक्तिगत कारोबारियों के लाभ और हानि के विश्लेषण से पता चलता है कि कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 91 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों को इसमें शुद्ध घाटा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में भी इसी तरह का रुख देखा गया था।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बार्ड (सेबी) ने 29 मई, 2025 को वायदा एवं विकल्प बाजार में जोखिम निगरानी और खुलासा को बढ़ाने के उद्देश्य से कदम उठाये थे। इन उपायों का उद्देश्य जोखिमों को रोकने के लिए बेहतर निगरानी सुनिश्चित करना है।
भाषा रमण अजय
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