नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने करीब तीन साल से गिरफ्तारी से बच रहे 34 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो दिन में मुंबई में कैब चालक का काम करता था और रात में नीरज बवाना गिरोह के सदस्य के रूप में काम करता था। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की पहचान सोनू के रूप में हुई है और उसे 2022 के हथियार तस्करी मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था। उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिस से बचने के लिए मुंबई चला गया था और कैब चालक का काम करने लगा था।
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) अमित कौशिक ने कहा, ‘‘सोनू ने बताया कि उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और पानीपत में स्थानीय संपर्कों के जरिए नीरज बवाना गिरोह में शामिल हुआ।’’
उन्होंने कहा कि उसने आग्नेयास्त्रों की खरीद और आपूर्ति में भूमिका निभाई थी तथा मुंबई आने के बाद भी वह गिरोह के कुछ सदस्यों के संपर्क में रहा।
सितंबर 2022 में उसके एक सहयोगी सचिन को बवाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था और दो वाहनों से चार पिस्तौल, दो मैगजीन और 79 कारतूस बरामद किए गए थे।
अधिकारी के अनुसार, आरोपी भागने में सफल रहा और जल्द ही भूमिगत हो गया। अप्रैल 2023 में एक स्थानीय अदालत ने उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह मुंबई चला गया और वाहन चालक के रूप में काम करने लगा तथा लोगों की नजरों से दूर रहने लगा।
दो जुलाई को सोनू को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया और उसे मुंबई के बोरीवली में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया तथा ट्रांजिट रिमांड हासिल की गई।
सोनू के दो साथी अरविंद और दीपक पाकस्मा अब भी फरार हैं और उनके विदेश में होने का संदेह है।
भाषा
शुभम नेत्रपाल
नेत्रपाल