तिरुवनंतपुरम, आठ जुलाई (भाषा) वामपंथी छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई)’ के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यह आरोप लगाते हुए केरल के प्रमुख विश्वविद्यालयों की ओर मार्च किया कि संघ परिवार के प्रभाव में उच्च शिक्षा संस्थानों का ‘‘भगवाकरण’’ करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने कन्नूर विश्वविद्यालय के बाहर पुलिस बैरिकेड हटा दिये। उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के खिलाफ नारेबाजी की, जो विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं।
पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं, लेकिन एसएफआई सदस्य कुलपति कार्यालय तक पहुंचने में कामयाब रहे, जहां उन्होंने धरना दिया
मलप्पुरम जिले के थेंजिप्पलम में कालीकट विश्वविद्यालय में भी तनाव बढ़ गया, जहां मार्च के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के बीच थोड़ी झड़प हुई।
एसएफआई ने केरल विश्वविद्यालय में भी इसी तरह के मार्च निकाले। उग्र एसएफआई कार्यकर्ताओं ने यहां केरल विश्वविद्यालय मुख्यालय के गेट तोड़ दिए और कार्यालय परिसर में घुस गए। पुलिस आंदोलनकारी विद्यार्थियों को नियंत्रित करने में विफल रही।
प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय भवन के अंदर खड़े होकर राज्यपाल और कुलपति मोहनन कुन्नुमल के खिलाफ नारेबाजी की।
विरोध प्रदर्शनों के दौरान कालीकट और केरल विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इस्तीफे की मांग की गई तथा उन पर संघ परिवार की विचारधारा के हिसाब से आगे बढ़ने का आरोप लगाया गया।
विरोध प्रदर्शन को बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस सभी स्थानों पर हाई अलर्ट पर रही।
केरल के विश्वविद्यालयों में हाल में राजभवन और वामपंथी नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बीच सत्ता संघर्ष का परिदृश्य देखने को मिला है।
तनाव तब बढ़ गया जब कुलाधिपति द्वारा अस्थायी रूप से नियुक्त किये गये कुछ कुलपतियों ने ऐसी कार्रवाई की जिसके बारे में वामपंथी छात्र और शिक्षक संघों ने आरोप लगाया कि वे संघ परिवार के समर्थक हैं।
केरल विश्वविद्यालय में इस महीने के आरंभ से ही नाटकीय दृश्य देखने को मिल रहे हैं, जब कुलपति कुन्नुमल ने रजिस्ट्रार को निलंबित कर दिया था।
यह कार्रवाई तब की गई जब रजिस्ट्रार ने सीनेट हॉल में राज्यपाल आर्लेकर की मौजूदगी वाले एक निजी कार्यक्रम को रद्द करने का नोटिस जारी किया, जहां भगवा ध्वज थामे भारत माता का चित्र प्रदर्शित किया गया था।
भाषा
राजकुमार पवनेश
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