नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) भारत दुर्लभ खनिज चुंबक के निर्यात पर चीन के प्रतिबंध के बीच ऑस्ट्रेलिया से दुर्लभ मृदा खनिजों की आपूर्ति के लिए बातचीत कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया की एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रांत की व्यापार एवं निवेश आयुक्त मालिनी दत्त ने कहा, ‘‘दुर्लभ मृदा के बारे में बातचीत चल रही है और इन खनिजों के ब्लॉक उपलब्ध भी हैं। इसलिए भारत के लिए शुरुआती चरण के ब्लॉक लेने और कुछ कंपनियों के साथ गठजोड़ करने का अवसर है।’’
दुर्लभ खनिज तत्वों की उपलब्धता भारत के लिए काफी अहम है। दुर्लभ पृथ्वी तत्वों और संबंधित चुंबक के निर्यात पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिया है जिससे घरेलू वाहन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के उत्पादन पर असर पड़ रहा है।
दरअसल, चीन का दुर्लभ खनिज चुंबक की 90 प्रतिशत वैश्विक प्रसंस्करण क्षमता पर नियंत्रण है। ऐसे में भारत की ऑस्ट्रेलिया के साथ इसकी आपूर्ति के लिए बातचीत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ‘भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह-2025’ सम्मेलन के दौरान मालिनी दत्त ने कहा कि भारत के निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों ने ऑस्ट्रेलिया में दुर्लभ मृदा के अलावा तांबे के ब्लॉक में भी रुचि दिखाई है।
मालिनी ने कहा, ‘‘मेरे द्वारा की गई कुछ बातचीत के अनुसार, तांबे के बारे में भी काफी रुचि है। यह रुचि निजी क्षेत्र और एक सार्वजनिक उपक्रम दोनों की है, जो तांबे (ब्लॉक) की तलाश में हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि स्मेल्टिंग सुविधाएं मौजूद हैं और अदाणी जैसी कंपनियों ने बड़ा निवेश किया है। क्षमता उपलब्ध होने के साथ तांबे की प्रचुरता भी है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर लोग नज़र रख रहे हैं।’’
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