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Tuesday, July 8, 2025

ई-कॉमर्स मंच, ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए दुरुपयोग हो रहा: एफएटीएफ

Newsई-कॉमर्स मंच, ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए दुरुपयोग हो रहा: एफएटीएफ

नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ ने फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकवादी हमले और गोरखनाथ मंदिर में हुई 2022 की घटना का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि ई-कॉमर्स मंच और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का दुरुपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा रहा है।

पुलवामा आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 कर्मियों की मौत हो गई थी।

एफएटीएफ ने ‘आतंकवादी वित्तपोषण जोखिमों पर अपने व्यापक अद्यतन’ में ‘आतंकवाद को सरकार द्वारा प्रायोजित’ किए जाने को भी चिह्नित करते हुए कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना के विभिन्न स्रोतों और इस रिपोर्ट में प्रतिनिधिमंडलों के विचार से संकेत मिलता है कि ‘‘कुछ आतंकवादी संगठनों को कई राष्ट्रों की सरकारों से वित्तीय और अन्य प्रकार का समर्थन प्राप्त होता रहा है और अब भी मिल रहा है।’’

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडलों ने टीएफ (आतंकवादी वित्तपोषण) के लिए सरकारी प्रायोजन के उपयोग का उल्लेख आतंकवादी कृत्यों में शामिल कुछ संगठनों की धन जुटाने की तकनीक या वित्तीय प्रबंधन रणनीति के तहत किया है। समर्थन के कई रूपों का जिक्र किया गया है जिसमें प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता, साजो सामान और सामग्री संबंधी सहायता या प्रशिक्षण का प्रावधान शामिल है।’’

एफएटीएफ ने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए जून में कहा था कि वित्तीय सहायता के बिना ऐसे हमले संभव नहीं थे। उसने कहा था कि वह 200 अधिकार क्षेत्रों वाले अपने वैश्विक नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए मामलों को संकलित करते हुए ‘‘आतंकवादी वित्तपोषण का व्यापक विश्लेषण’’ करेगा। अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

एफएटीएफ ने भारत में आतंकवादी हमले के लिए सामग्री की खरीद के मकसद से ई-कॉमर्स मंचों के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए कहा कि हमले में इस्तेमाल किए गए ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी यानी देसी बम) का एक प्रमुख घटक – एल्युमिनियम पाउडर – ई-कॉमर्स मंच ‘अमेजन’ के जरिए खरीदा गया था। इस सामग्री का इस्तेमाल विस्फोट के प्रभाव को बढ़ाने के लिए किया गया था।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले को निशाना बनाकर फरवरी 2019 में एक आत्मघाती बम विस्फोट किया गया था जिसके परिणामस्वरूप 40 सैनिक मारे गए थे। भारत के अधिकारियों ने निष्कर्ष निकाला था कि यह हमला जैश-ए-मोहम्मद ने किया था।

भारतीय प्राधिकारी बार-बार कहते रहे हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को लगातार समर्थन देता है और आतंकवादियों का वित्त पोषण करता है। भारत ने लगातार कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराई हैं तथा सूत्रों के अनुसार, भारत का मानना ​​है कि पाकिस्तान द्वारा की गई ऐसी हरकतों के कारण उसे एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाना चाहिए।

एफएटीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी ई-कॉमर्स मंचों और ‘ऑनलाइन मार्केटप्लेस’ का दुरुपयोग कर रहे हैं। उसने कहा कि आतंकवादियों ने ऐसे मंचों का उपयोग अपने अभियानों के लिए (उपकरण, हथियार, रसायन, 3 डी-प्रिंटिंग सामग्री की) खरीदारी के मकसद से किया है।

एफएटीएफ ने कहा कि इन ई-कॉमर्स मंच (ईपीओएम) का उपयोग आतंकवादी अपनी परियोजनाओं एवं कार्यों के वित्तपोषण के मकसद से वस्तुओं को बेचने के लिए भी कर सकते हैं, जिनमें कम मूल्य की वे वस्तुएं भी शामिल हैं जिनकी पहले मांग नहीं थी।

एफएटीएफ ने कहा, ‘‘ईपीओएम का उपयोग व्यापार आधारित धनशोधन योजनाओं से प्रेरित होकर धन-स्थानांतरण के उद्देश्य से किया जा सकता है। खरीदे-बेचे गए सामान वास्तव में एक सहयोगी से नेटवर्क के दूसरे सदस्य को हस्तांतरित किए जा रहे धन को छिपाने का काम कर सकते हैं। ऐसी योजना में, एक व्यक्ति वस्तुओं को खरीदता है, उन्हें ईपीओएम के माध्यम से अपने सहयोगी को भेजता है ताकि वह व्यक्ति उसे बाद में किसी अन्य व्यक्ति को बेचकर इससे हुए लाभ का उपयोग आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए कर सके।’’

एफएटीएफ ने उन मामलों में भी वित्तपोषण करने के लिए ऑनलाइन भुगतान सेवा और वीपीएन का उपयोग किए जाने की जानकारी दी जिनमें आतंकवादी कृत्यों को केवल एक व्यक्ति अंजाम देता है। इसके लिए उसने तीन अप्रैल, 2022 को गोरखनाथ मंदिर में हुई घुसपैठ की कोशिश की घटना का उदाहरण दिया।

गोरखनाथ मंदिर में ‘इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट’ (आईएसआईएल) की विचारधारा से प्रभावित एक व्यक्ति ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था। उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया था।

वित्तीय जांच से पता चला कि आरोपी ने आईएसआईएल के समर्थन में पेपाल के माध्यम से 6,69,841 रुपये विदेश भेजे थे और इसके लिए उसने आईपी पते को छिपाने के लिए वीपीएन सेवाओं और अंतरराष्ट्रीय तीसरे पक्ष के लेनदेन का इस्तेमाल किया था। उसे एक विदेशी स्रोत से 10,323.35 रुपये भी मिले।

जांच में यह भी पता चला कि आरोपी ने आतंकवादी गतिविधियों में सहयोग करने के लिए विदेशी क्षेत्राधिकारों में आईएसआईएल के समर्थकों के रूप में पहचाने गए कई व्यक्तियों को धन भेजा था।

एफएटीएफ ने कहा, ‘‘इन लेन-देन की संदिग्ध प्रकृति और टीएफ की संभावना के कारण पेपाल ने आरोपी के खाते को निलंबित कर दिया था।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

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