वर्धा, आठ जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के वर्धा जिले में महात्मा गांधी से जुड़ी तीन विरासत संरचनाओं का कायाकल्प किया जाएगा, जिसमें एक संग्रहालय, प्रार्थना कक्ष और कारीगरों के लिए एक परिसर भी शामिल है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिकीकरण संस्थान (एमजीआईआरआई) द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने पुनरुद्धार योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिसके तहत दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) गांधी स्मृति भवन, कस्तूरबा रसोई और वर्धा हाट का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस योजना में संस्थान के विभागों और प्रयोगशालाओं का पुनरुद्धार भी शामिल है।
गांधी स्मृति भवन कभी महात्मा गांधी का निवास हुआ करता था। उसे एक संग्रहालय और प्रार्थना कक्ष में परिवर्तित किया जाएगा, और इसमें संरचनात्मक मरम्मत, मूल्यवान संग्रहों का डिजिटलीकरण और गांधीवादी विचारधाराओं को प्रदर्शित करने वाली एक ‘इंटरैक्टिव’ प्रदर्शनी शामिल होगी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक विशेष ध्यान क्षेत्र भी बनाया जाएगा।
योजना के तहत, कस्तूरबा रसोई की मूल संरचना को बहाल किया जाएगा जहां कभी आश्रम समुदाय और आगंतुकों के लिए भोजन तैयार किया जाता था, जबकि वर्धा हाट को कारीगरों के लिए एक परिसर में बदला जाएगा। इसका उद्घाटन 1936 में एक व्यस्त बाजार के रूप में किया गया था।
महात्मा गांधी ने 14 दिसंबर 1934 को वर्धा में अपने करीबी सहयोगी सेठ जमनालालजी बजाज द्वारा दान की गई इस जमीन पर अखिल भारतीय ग्रामोद्योग संघ की स्थापना की थी।
भाषा नोमान नरेश
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