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Tuesday, July 8, 2025

कांगड़ा जिले के लिए 558 करोड़ रुपये की दो सिंचाई परियोजनाओं को केंद्र की मंजूरी

Newsकांगड़ा जिले के लिए 558 करोड़ रुपये की दो सिंचाई परियोजनाओं को केंद्र की मंजूरी

शिमला, आठ जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के 160 से अधिक गांवों के हजारों किसानों को दो महत्वपूर्ण मध्यम सिंचाई परियोजनाओं से लाभ मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने कांगड़ा जिले में 558 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं को तकनीकी मंजूरी दे दी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।

जल शक्ति विभाग का प्रभार भी संभाल रहे अग्निहोत्री ने यहां बयान में कहा, ‘‘ये परियोजनाएं कांगड़ा जिले में लगाई जाएंगी और इनसे लगभग 160 गांवों को सुनिश्चित सिंचाई की सुविधा मिलने की उम्मीद है, जिससे हजारों किसानों को सीधे लाभ होगा और क्षेत्र में कृषि उत्पादकता बढ़ेगी।’’

उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जवाली विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित 219 करोड़ रुपये की सुखाहार मध्यम सिंचाई परियोजना को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) द्वारा मंजूरी दे दी गई है तथा ज्वालामुखी और देहरा विधानसभा क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को अपने दायरे में लाने वाली 339 करोड़ रुपये की मध्यम सिंचाई परियोजना को भी तकनीकी मंजूरी मिल गई है।

सुखाहार परियोजना से जवाली और शाहपुर विधानसभा क्षेत्रों के 45 गांवों की 2,186 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी तथा लगभग 24,120 ग्रामीण निवासी इस परियोजना से लाभान्वित होंगे। यह क्षेत्र अभी तक वर्षा आधारित खेती पर निर्भर रहा है तथा सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण कई कृषि चुनौतियों का सामना करता रहा है।

ज्वालामुखी और देहरा विधानसभा क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को अपने दायरे में लाने वाली यह परियोजना एक बार क्रियान्वित होने पर 116 गांवों को सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी तथा पारंपरिक रूप से जल की कमी वाले क्षेत्रों के हजारों किसानों को लाभान्वित करेगी।

उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। निर्माण कार्यों के निष्पादन में क्षेत्र के कुशल श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा उन्हें तकनीकी कार्यों में लगाने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।

अग्निहोत्री ने कहा कि इन सिंचाई योजनाओं से भूजल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, जल-उपयोग दक्षता में सुधार होगा तथा फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कृषि जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक टिकाऊ बनेगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है तथा निर्माण कार्य बिना किसी देरी के शुरू करने के लिए इसमें तेजी लाई जाएगी। उन्होंने संबंधित विभागों को इन परियोजनाओं को समयबद्ध तथा पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

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