तिरुवनंतपुरम, आठ जुलाई (भाषा) केरल के परिवहन मंत्री के बी गणेश कुमार ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों के देशव्यापी हड़ताल के आह्वान के बावजूद केएसआरटीसी बसों का बुधवार को संचालन होगा।
मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) को श्रमिक संगठनों की ओर से हड़ताल में भागीदारी का कोई औपचारिक नोटिस नहीं मिला है।
उन्होंने कहा,‘‘केएसआरटीसी में फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है, जिसके चलते कर्मचारियों को आंदोलन में शामिल होना पड़े।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक केएसआरटीसी का सवाल है, (उसके) कर्मचारी खुश और संतुष्ट हैं। श्रमिक संगठनों ने कोई नोटिस जारी नहीं किया है। केएसआरटीसी की बसें सामान्य रूप से चलेंगी।’’
कुमार ने यह भी बताया कि हाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान केवल छह प्रतिशत कर्मचारियों ने भाग लिया था, जबकि 94 प्रतिशत कर्मचारी ड्यूटी पर आए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह केएसआरटीसी के भीतर बदलती कार्य संस्कृति को दर्शाता है।’’
हालांकि, श्रमिक संगठनों के सूत्रों ने मंत्री के दावों का खंडन करते हुए कहा कि हड़ताल का नोटिस पहले ही दिया जा चुका है और केएसआरटीसी कर्मचारी वास्तव में राष्ट्रव्यापी आंदोलन में भाग लेंगे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो के सदस्य एम ए बेबी ने भी मंत्री की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि मजदूर वर्ग और किसान समाज की रीढ़ हैं तथा वे अपने वेतन का त्याग करके विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी संगठन चाहते हैं कि हड़ताल सफल हो। मैं उनके साथ खड़ा हूं… मुझे नहीं पता कि गणेश कुमार ने वास्तव में क्या कहा है।’’
बैंकिंग, बीमा, डाक, कोयला खनन, राजमार्ग और निर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों के 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के आम हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है, जिससे संभावित रूप से देश भर में सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनसे संबद्ध संगठनों के एक मंच ने सरकार पर ‘मज़दूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों’पर चलने का आरोप लगाते हुए हड़ताल या ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है।
भाषा राजकुमार पवनेश
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