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Wednesday, July 9, 2025

मोदी सरकार के निशाने पर ‘टिस’, कुलाधिपति को बर्खास्त किया जाए: कांग्रेस

Newsमोदी सरकार के निशाने पर ‘टिस’, कुलाधिपति को बर्खास्त किया जाए: कांग्रेस

नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज’ (टिस) मोदी सरकार के निशाने पर है तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संस्थान को केवल दिशाहीन और शासनविहीन छोड़ने और भ्रष्ट व्यक्तियों को वहां उत्पात मचाने देने के लिए ही अपने कब्जे में लिया है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेजों से जुड़े हेराफेरी के मामले में सीबीआई की प्राथमिकी में नामित डीपी सिंह को ‘टिस’ के कुलाधिपति पद से तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पिछले ग्यारह वर्षों में मोदी सरकार ने प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों पर कब्ज़ा करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। सबसे पहले निशाने पर थे जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वभारती विश्वविद्यालय। अब ‘टिस’ को निशाना बनाया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि जुलाई 2023 में, यूजीसी ने ‘टिस’ में शीर्ष पद पर नियुक्त करने की शक्ति इस आधार पर अपने हाथ में ले ली कि संस्थान को अधिकांश पैसा केंद्र सरकार से मिलता है।

रमेश ने दावा किया, ‘‘उसके बाद के दो वर्षों में शिक्षा मंत्रालय पूर्णकालिक कुलपति नियुक्त करने में विफल रहा। इस पद के लिए साक्षात्कार केवल दिसंबर 2024 में आयोजित किए गए थे, और तब से सात महीनों में, यह पद अभी भी नहीं भरा गया है। हम केवल कल्पना ही कर सकते हैं कि इस पद को लेकर दिल्ली और नागपुर में क्या-क्या षड्यंत्र चल रहे होंगे।’’

उन्होंने कहा कि पिछले महीने केंद्रीय सतर्कता विभाग की ओर से वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत के बाद उप कुलपति को पद छोड़ने के लिए कहा गया था।

रमेश के अनुसार, ‘‘अब यह पता चला है कि मंत्रालय जो एक नियुक्ति करने में सफल रहा, वह है कुलाधिपति की। यह नियुक्ति भी एक खराब विकल्प साबित हुई है। भारत का सबसे बड़ा मेडिकल घोटाला कहे जाने वाले मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में चांसलर का नाम लिया गया है। विशेष रूप से, ‘टिस’ कुलाधिपति का जो पूर्व में यूजीसी के अध्यक्ष भी थे।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कुलाधिपति को तत्काल बर्खास्त करने की आवश्यकता है और यथाशीघ्र एक कुलपति की नियुक्ति की जानी चाहिए। शिक्षा मंत्री को भारत के सबसे प्रसिद्ध संस्थानों में से एक में इस खराब स्थिति के पीछे के कारणों के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा।’’

भाषा हक

हक पवनेश

पवनेश दिलीप

दिलीप

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