नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) बांग्लादेश और थाइलैंड सहित एक दर्जन से अधिक देशों पर उच्च शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले के बाद भारत के परिधान और ‘फुटवियर’ जैसे निर्यात क्षेत्रों को वहां के बाजार में प्रतिस्पर्धी लाभ मिलने की उम्मीद है। निर्यातकों ने यह बात कही।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को जापान, दक्षिण कोरिया, कजाकिस्तान, मलेशिया, ट्यूनीशिया पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। वहीं दक्षिण अफ्रीका, बोस्निया-हर्जेगोविना पर 30 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, बांग्लादेश, सर्बिया पर 35 प्रतिशत, कम्बोडिया, थाइलैंड पर 36 प्रतिशत और लाओस और म्यांमा पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का ऐलान किया।
ये शुल्क एक अगस्त से लागू होंगे।
बांग्लादेश 2024 में 13.15 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ अमेरिका को परिधान (बिना बुना हुआ) का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
इस क्षेत्र में भारत का अमेरिका को निर्यात 2.5 अरब डॉलर था। लेकिन भारत शीर्ष तीन देशों में नहीं है।
बुने हुए परिधानों में कम्बोडिया की हिस्सेदारी करीब छह प्रतिशत है और वह भारत (5.09 प्रतिशत) से आगे है।
एक निर्यातक ने कहा, ‘‘अमेरिकी परिधान बाजार में भारत को बांग्लादेश और वियतनाम से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश पर उच्च शुल्क से अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
निर्यातकों के शीर्ष निकाय फियो (फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन) के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि चमड़ा और परिधान जैसे क्षेत्रों को भारत के प्रतिस्पर्धी देशों से प्रतिस्पर्धी लाभ मिल सकता है।
मुंबई के एक निर्यातक ने कहा कि थाइलैंड पर बढ़े हुए शुल्क से रबड़ और उसके उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी हो सकती है।
थाइलैंड, अमेरिका को रबड़ का सबसे बड़ा निर्यातक है। उसकी हिस्सेदारी 15.16 प्रतिशत है, जबकि भारत 2.93 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ चौथे स्थान पर है।
निर्यातक ने कहा, ‘‘हमें चमड़ा क्षेत्र में भी लाभ मिलेगा।’’
भाषा रमण अजय
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