नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों को मंगलवार को पत्र जारी कर उन छात्रों के लिए सक्रिय रूप से समर्थन मांगा है जो अपनी मांगों को लेकर पिछले 12 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
छात्रों की प्रथम मांग जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करना है, जिसे हाल के वर्षों में यूजीसी-नेट आधारित प्रवेश प्रणाली से बदल दिया गया है।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के शिक्षकों से अपील की कि वे अपने छात्रों के साथ एकजुटता से खड़े हों और कम से कम एक दिन के लिए उनके प्रदर्शन में शामिल हों।
छात्रों का तर्क है कि जेएनयूईई को बहाल करना संस्थान के समावेशी और विविध चरित्र को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
पत्र में दावा किया गया, ‘‘राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) आधारित मॉडल जेएनयू की विशिष्ट शैक्षणिक संस्कृति की अनदेखी करता है और इसने जेएनयूईई द्वारा हाशिए पर पड़े और विविध पृष्ठभूमि के छात्रों को दी जाने वाली पहुंच को कमजोर कर दिया है।’’
छात्र प्रवेश परीक्षा को बहाल करने की मांग के अलावा ‘पीएचडी’ शोधार्थी को बेदखल करने की प्रक्रिया को समाप्त करने, ‘प्रॉक्टोरियल’ जांच को रद्द करने और ‘मेरिट-कम-मीन्स’ छात्रवृत्ति में वृद्धि की भी मांग कर रहे हैं।
जेएनयू छात्र संघ के अनुसार, संघ के अध्यक्ष नीतीश कुमार और इसके सदस्य अंतरिक्ष समेत पांच छात्र 12 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।
भाषा प्रीति माधव
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