श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश), आठ जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को कहा कि गोदावरी नदी के कुछ सौ टीएमसी (अरब घनफुट) अतिरिक्त पानी का उपयोग करना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों के लिए फायदेमंद होगा। यह पानी वरना बेकार में समुद्र में बह जाता है।
श्रीशैलम परियोजना के जल प्रवाह नियंत्रण के चार द्वारों को खोलने और कृष्णा नदी पर ‘जला हरती’ (अनुष्ठान पूजा) करने के बाद नायडू नांदयाल जिले में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे।
इसमें नायडू ने जोर देकर कहा कि बाढ़ के पानी का उपयोग करने से किसी को नुकसान नहीं होगा।
नायडू ने कहा, ‘‘अगर आंध्र प्रदेश 200 टीएमसी पानी और तेलंगाना 100 से 200 टीएमसी पानी का उपयोग कर सकता है, तो दोनों राज्य समृद्ध होंगे। यहां, मैं समुद्र में बहने वाले उस बाढ़ के पानी का उपयोग कर रहा हूं, जिसका कोई उपयोग नहीं करता है। तेलंगाना ऊपर की ओर है और अगर वे इसका उपयोग करते हैं, तो किसी को कोई नुकसान नहीं है। मैं आपको बता रहा हूं, यह सभी के लिए अच्छा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल गोदावरी नदी का दो हजार टीएमसी अतिरिक्त पानी बंगाल की खाड़ी में बह जाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य वर्तमान में हंड्री-नीवा नहर पर 3,890 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है और जीदीपल्ली जलाशय को 15 जुलाई तक पानी मिल जाएगा।
भाषा यासिर संतोष
संतोष