नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि उसने कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड से कथित धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन जांच के बाद बोर्ड को 3.82 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वापस कर दी है।
धन शोधन का यह मामला विजया बैंक के दो अधिकारियों और वक्फ बोर्ड के प्रथम श्रेणी सहायक सैयद सिराज अहमद नामक व्यक्ति के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ।
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि वक्फ बोर्ड ने विजया बैंक में सावधि जमा खाते खोलने के लिए 4,00,45,465 रुपये के दो चेक जारी किए। बयान में कहा गया कि हालांकि, खाते खोलने के बजाय, धन को फर्जी संस्थाओं को ‘‘हस्तांतरित कर दिया गया।’’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि यह पाया गया कि 4 करोड़ रुपये ‘वेरकीज रिएलिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी के खाते में अंतरित किए गए, जिसमें से 1.10 करोड़ रुपये एक मर्सिडीज कार की खरीद पर खर्च किए गए, जबकि 2,72,74,444 रुपये एक अन्य खाते में हस्तांतरित कर दिए गए।
इस जांच के तहत एजेंसी ने 2017 में 3.82 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की थीं और उसी साल मार्च में छह व्यक्तियों और इकाइयों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिनमें वेरकीज रिएलिटीज भी शामिल है।
यह अभियोजन शिकायत बेंगलुरु स्थित विशेष धन शोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में दाखिल की गई थी।
पीएमएलए और इसके ‘मुख्य उद्देश्य’ यानी अपराध से अर्जित धन को असली पीड़ित को लौटाने के तहत, ईडी ने कोई आपत्ति नहीं जतायी जब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने यह धन कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड को लौटाने पर विचार किया, जो इस मामले में सही हकदार है।
एजेंसी ने एक जुलाई को वक्फ बोर्ड को 3,82,74,444 रुपये का एक बैंकर चेक जारी किया। एजेंसी ने कहा कि यह ईडी के उस जारी अभियान की दिशा में एक ‘महत्वपूर्ण’ कदम है, जिसका उद्देश्य गबन की गई राशि पीड़ितों को वापस लौटाना है।
एजेंसी ने कहा, ‘‘यह राशि जारी करना दिखाता है कि ईडी वित्तीय अपराध के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। ईडी धनशोधन के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह समर्पित है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि अपराध से अर्जित राशि सही मालिकों को वापस मिले।’’
भाषा अमित पवनेश
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