(अदिति खन्ना)
लंदन, आठ जुलाई (भाषा) ब्रिटेन में 1980 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर के मंत्रिमंडल में एक प्रमुख मंत्री रहे लॉर्ड नॉर्मन टेबिट का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने 1990 के दशक में दक्षिण एशिया से आए प्रवासियों की निष्ठा निर्धारित करने के लिए विवादास्पद ‘क्रिकेट टेस्ट’ का विचार पेश किया था।
टेबिट ने अप्रैल 1990 में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद के रूप में ‘क्रिकेट टेस्ट’ का विचार पेश किया था, जिसके तहत उनका मानना था कि प्रवासियों का इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के बजाय अपने मूल देश की क्रिकेट टीम का समर्थन करना ब्रिटिश समाज के भीतर एकीकरण और समावेशिता की कमी को दर्शाता है। इस परीक्षण को उनके नाम पर ‘टेबिट टेस्ट’ के रूप में भी जाना जाता था।
टेबिट ने ‘द लॉस एंजिलिस टाइम्स’ अखबार को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘ब्रिटेन की एशियाई आबादी का एक बड़ा हिस्सा क्रिकेट टेस्ट की कसौटी पर खरा नहीं उतरता।’
उन्होंने सवाल किया था, ‘वे किस पक्ष का समर्थन करते हैं? यह एक दिलचस्प परीक्षण है। क्या आप अब भी वहीं हैं, जहां से आप आए थे या जहां से आप ताल्लुक रखते हैं?’
हालांकि, टेबिट के इस विचार ने उस समय प्रवासियों और मीडिया समूहों में आक्रोश पैदा किया था, लेकिन अगस्त 2005 में पूर्व मंत्री (टेबिट) ने सात जुलाई के बम धमाकों के बाद अपना रुख दोहराया था, जिसमें ब्रिटेन में जन्मे चार आतंकवादी संदिग्धों में से तीन के पाकिस्तानी मूल का होने की बात सामने आई थी।
उस समय तक मुख्यधारा की राजनीति से दूर हो चुके टेबिट ने ‘टुडे’ पत्रिका से कहा था, ‘हमने घरेलू स्तर पर कई बमवर्षक तैयार किए हैं; यह उदार समाज और अपनी नैतिक जड़ों से गहराई से जुड़े अल्पसंख्यक आबादी के मिश्रण का नतीजा है।’
उन्होंने कहा था, ‘अगर लोगों ने मेरी बात सुनी होती, तो सबसे पहले उन्होंने हमारे शहरों के स्कूलों में सुधार किया होता, जहां एशियाई और वास्तव में अश्वेत युवाओं के अंग्रेज युवाओं के संपर्क में आने की सबसे अधिक संभावना होती है।’
हालांकि, कई वर्षों बाद भारतीय उपमहाद्वीप से आए प्रवासियों के प्रति टेबिट के विचारों में बदलाव आया। नवंबर 2014 में उन्होंने ‘बीबीसी’ से कहा, ‘हाल के वर्षों में ब्रिटिश एशियाई खिलाड़ियों ने फिर से हमें खेल की वह शानदार शैली दिखाई है, जिसे देखने के लिए भीड़ पैसे देने को तैयार है।’
ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर आव्रजन के मुखर विरोधी टेबिट ने कहा था, ‘न केवल इतना ही, बल्कि यह ब्रिटेन में जन्मे एशियाई लोगों की पीढ़ियों को राष्ट्र का हिस्सा महसूस करने के लिए प्रोत्साहित करता है…।’’
टेबिट के बेटे विलियम ने सोमवार को उनके निधन की पुष्टि की।
ब्रिटेन के भारतीय मूल के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, प्रीति पटेल सहित कई नेताओं ने अपनी पार्टी के पूर्व दिग्गज को श्रद्धांजलि दी।
सुनक ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘लॉर्ड टेबिट के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। वह कंजर्वेटिव राजनीति के एक दिग्गज थे, जिनके लचीलेपन, दृढ़ विश्वास और सेवा ने हमारी पार्टी और हमारे देश पर अमिट छाप छोड़ी। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और उन सभी लोगों के साथ हैं, जो उन्हें जानते थे।’
पटेल ने भी टेबिट को कंजर्वेटिव पार्टी और ब्रिटिश राजनीति का एक “दिग्गज” नेता बताया।
भाषा पारुल अविनाश
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