गुवाहाटी, आठ जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि स्वदेशी (मूल) धार्मिक आस्थाओं को धर्मांतरण समेत विभिन्न कारकों से नुकसान पहुंचा है और उन्हें अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जतायी।
शर्मा ने तामुलपुर के गुरमौ में एक नवनिर्मित बाथौ मंदिर का उद्घाटन करने के बाद ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आपमें से कितने लोगों ने असम के बाथौ धर्म के बारे में सुना है? हमारे प्राचीन स्वदेशी धर्मों और आस्थाओं को कई कारणों से बहुत नुकसान हुआ है – उनमें से एक धर्मांतरण है।’’
उन्होंने राज्य के बोडो समुदाय की प्राचीन आस्था को मान्यता देते हुए दिसपुर में बाथौ थानसाली के निर्माण की भी घोषणा की।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार इन प्राचीन आस्थाओं को पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मुझे तामुलपुर के गुरमौ में नवनिर्मित बाथौ मंदिर को समर्पित करने का दिव्य सम्मान प्राप्त हुआ। बाथौसिम में सिजौ वृक्ष और प्रकृति की पूजा केंद्र में है।’’
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि शर्मा ने बोडो आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध बनाने में बाथौ मंदिरों की भूमिका की सराहना की।
सीएमओ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पास के जगन्नाथ मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।
भाषा
राजकुमार दिलीप
दिलीप