कोलकाता, आठ जुलाई (भाषा) कोलकाता की एक अदालत ने मंगलवार को यहां स्थित ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ में छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले में आरोपी तीन लोगों को 22 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस अभियोजकों ने अनुरोध किया कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, जो कॉलेज का पूर्व छात्र और अस्थायी कर्मचारी है, और दो मौजूदा छात्र जैब अहमद तथा प्रमित मुखर्जी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए।
अलीपुर अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अनुरोध स्वीकार कर लिया। इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए कॉलेज के एक सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी 22 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
आरोप है कि 25 जून की शाम को ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ की प्रथम वर्ष की छात्रा से संस्थान के परिसर में मिश्रा ने अहमद और मुखर्जी की मदद से बलात्कार किया था।
सरकारी वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि पुलिस रिमांड के दौरान अपराध के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर काम किया गया है।
यह भी कहा गया कि इस संबंध में कुछ प्रारंभिक फॉरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं, लेकिन जांचकर्ता फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने अदालत को बताया कि एफएसएल रिपोर्ट मिलने के बाद, राज्य सरकार जांच के हित में आगे के पुलिस रिमांड के लिए अनुरोध कर सकती है।
मुख्य आरोपी के वकील ने दावा किया कि जांचकर्ताओं ने उससे पूछताछ के दौरान स्थापित तरीकों का पालन नहीं किया।
सुरक्षा गार्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि अपराध में उसकी कोई भूमिका नहीं थी।
तीनों को 26 जून को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन अदालत में पेश किया गया जिसने शुरू में उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। आरोपियों को एक जुलाई को अलीपुर अदालत में पेश किए जाने पर अदालत ने उनकी पुलिस हिरासत आठ जुलाई तक बढ़ा दी।
चौबीस वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया था कि 25 जून की शाम कॉलेज परिसर में उससे सामूहिक बलात्कार किया गया था।
भाषा संतोष नेत्रपाल
नेत्रपाल