मेरठ (उप्र), आठ जुलाई (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि भारत में किसान अब मोबाइल आधारित फसल निगरानी पद्धति को अपनाने के साथ-साथ तकनीक की मदद से वैश्विक बाजारों तक पहुंच भी बना रहे हैं।
प्रधान ने मेरठ में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कृषि प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि किसान जल्द ही अपने मोबाइल फोन पर अपेक्षित वर्षा, कौन सी फसल बोनी है और विभिन्न बाजारों में कृषि उत्पादों की मांग के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि आईआईटी रोपड़ के सहयोग से विश्वविद्यालय में एक नवाचार केंद्र स्थापित किया गया है और जल्द ही कृषि कौशल विकास केंद्र भी शुरू किया जाएगा।
कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधान ने कहा कि एआई किसानों को फसलों में लगने वाले रोगों की पहचान करने और संभावित समाधान सुझाने में मदद करेगा।
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि तकनीक की मदद से भारतीय किसान वैश्विक बाजार से जुड़ सकते हैं। उन्होंने किसानों से किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने का आग्रह किया और कहा कि नवाचार केंद्र का शुभारंभ कृषि में एक नए युग की शुरुआत है।
चौधरी ने कहा कि स्टार्टअप और कृषि वैज्ञानिक अब खेती के जोखिम को कम करने में किसानों की मदद के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
भाषा सं सलीम अमित
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