पथनमथिट्टा, आठ जुलाई (भाषा) केरल के पथनमथिट्टा जिले में एक खदान स्थल पर भूस्खलन के बाद चट्टानों के नीचे फंसे एक श्रमिक को बचाने के लिए मंगलवार दोपहर को अस्थाई रूप से रोका गया अभियान वहां भारी मशीनों को लाए जाने के बाद फिर से शुरू कर दिया गया।
जिला प्रशासन ने बताया कि श्रमिक को बचाने के लिए घटनास्थल पर मंगलवार सुबह सात बजे पुन: शुरू किया गया अभियान दोपहर में अस्थाई रूप से रोक दिया गया था, क्योंकि चट्टानों के बार-बार गिरने की वजह से बचाव कर्मियों की जान को खतरा पैदा हो गया।
बाद में जिला प्रशासन ने कहा कि बचाव अभियान के लिए आवश्यक लंबी बूम वाली हिताची मशीन को अलप्पुझा से लाए जाने के बाद यह प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई।
टेलीविजन चैनल पर प्रसारित दृश्यों के मुताबिक, अंधेरा होने के बाद भी अभियान जारी रखने के लिए बचाव कर्मियों ने लाइट लगाई थीं।
लंबी बूम वाली क्रेन का इस्तेमाल उत्खनन मशीन पर गिरे पत्थरों को हटाने के लिए किया जा रहा, जिसके अंदर बिहार के प्रवासी मजदूर के फंसे होने की आशंका है।
सोमवार को फिर से भूस्खलन होने के बाद बचाव अभियान रोक दिया गया था। हालांकि, मंगलवार सुबह सात बजे अभियान फिर शुरू किया गया।
यहां कोन्नी के पास पय्यानामों में एक खदान स्थल पर भूस्खलन के बाद एक श्रमिक की मौत हो गई और दूसरा श्रमिक चट्टानों के नीचे फंसा हुआ है।
मंगलवार सुबह विशेष बचाव दल के चार सदस्य रस्सियों के सहारे दुर्घटना स्थल के पास खुदाई करने वाली मशीन की जांच करने के लिए नीचे उतरे। इसी स्थान पर नीचे श्रमिक के फंसे होने की आशंका है।
बचावकर्मियों ने खुदाई करने वाली मशीन के ऊपर से कुछ छोटी चट्टानों को हाथ से हटाया और उसके बाद वे लोग वापस सुरक्षित स्थान पर चढ़ गए।
बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्हें चट्टान के नीचे दबी खुदाई करने वाली मशीन के अंदर से कोई आवाज नहीं सुनाई दी।
जिलाधिकारी प्रेम कृष्णन ने बताया कि बचावकर्मी वहां फंसी हुई खनन मशीन तक पहुंचे और ऐसी जगहों की तलाश की, जहां से श्रमिक को रस्सियों के सहारे बाहर निकाला जा सके।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम करुणागप्पल्ली से 30 टन क्षमता वाली क्रेन मंगवा रहे हैं, ताकि फंसी हुई खुदाई करने वाली मशीन को बाहर निकाला जा सके। इसके अलावा, वैकल्पिक योजना के रूप में हम चट्टानों को हटाने के लिए अलाप्पुझा से एक बड़ी हिताची मशीन भी मंगवाने जा रहे हैं।’’
कृष्णन ने कहा कि बचावकर्मी यह नहीं बता पा रहे हैं कि खुदाई करने वाली मशीन के केबिन के अंदर कोई है या नहीं, क्योंकि उसके ऊपर बहुत बड़ी चट्टानें थीं।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि घटनास्थल पर मौजूद बचाव कर्मियों के अनुसार, अब भी छोटे-छोटे पत्थर गिर रहे हैं, इसलिए वे हाथ से चट्टानों को हटाने का अभियान सीमित कर रहे हैं और मशीनों की मदद से काम करेंगे।
घटना उस वक्त हुई, जब खनन कार्य के दौरान अचानक चट्टान और मिट्टी का एक हिस्सा खुदाई करने वाली एक मशीन पर गिर गया।
दुर्घटना के समय ओडिशा के दो श्रमिक महादेव और अजय राय मशीन के अंदर थे। एक शव बरामद किया गया है, लेकिन अब तक पीड़ित की औपचारिक पहचान नहीं हो पाई है।
दोपहर के भोजन के बाद श्रमिक अपने काम पर लौटे ही थे कि चट्टानें गिरने लगीं।
कमांडर संजय सिंह मालसुनी के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 27 सदस्यीय विशेष टीम बचाव अभियान में मदद करने के लिए सोमवार को तिरुवल्ला से घटनास्थल पर पहुंची।
भाषा पारुल माधव
माधव