कोटा (राजस्थान), आठ जुलाई (भाषा) राजस्थान के बूंदी जिले के सचिव बैरवा अपने गांव के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की परीक्षा पास की है। उनकी पढ़ाई के लिए उनके पिता ने परिवार की जमीन बेच दी थी।
सचिन (25) ने अपने पिता हीरालाल को भी निराश नहीं किया। अपने पिता द्वारा उसके भविष्य के लिए उठाए गए जोखिम को पूरा करने के लिए उसने कड़ी मेहनत की और रविवार को सीए परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की। उनके गांव में 1500 घर है।
बूंदी से लगभग 55 किलोमीटर दूर देवपुरा गांव के मूल निवासी सचिन ने अपनी स्कूली शिक्षा गांव के ही हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूल से तथा बाद में पास के तलवास गांव से पूरी की।
हीरालाल ने बताया कि स्कूल में उनके बेटे के प्रदर्शन की शिक्षकों ने प्रशंसा की और उन्हें पारिवारिक जमीन बेचने का जोखिम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सचिन की पढ़ाई के लिए पैतृक जमीन के तीन बुघा बेच दिए।
साल 2014 में सचिन बूंदी चले गए, जहां उनकी मुलाकात मनीष अग्रवाल नामक ट्यूटर से हुई, जिन्होंने उन्हें कॉमर्स विषय चुनने और सी.ए. करने के लिए प्रेरित किया। इस बारे में उन्होंने, उनके पिता ने या उनके गांव में किसी ने कभी नहीं सुना था।
उन्होंने सभी बाधाओं के बावजूद सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, ‘कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट’ (सीपीटी, जिसे अब सीए फाउंडेशन कहा जाता है) की तैयारी शुरू कर दी। इसमें कोई आरक्षित सीट नहीं थी।
अग्रवाल ने उन्हें परीक्षा की तैयारी में मार्गदर्शन दिया और बाद में उन्हें इंदौर भेजा, जहां उन्होंने दो साल तक प्रथम समूह की परीक्षा की तैयारी की। उन्होंने नवंबर 2018 में अपने दूसरे प्रयास में यह परीक्षा पास कर ली।
सचिन ने बताया कि उनके परिवार के और अन्य लोगों ने उन्हें सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करने और पटवारी बनने के लिए मनाने की कोशिश की क्योंकि वह आरक्षित श्रेणी से आते हैं। हालांकि, उन्होंने सीए के रूप में अपना करियर बनाने का दृढ़ निश्चय किया।
परीक्षा में सफल होने के बाद उन्होंने कहा, ‘अब मैं उस जमीन को दुगना मूल्य पर वापस खरीदूंगा जो मेरे पिता ने मेरी पढ़ाई के लिए बेची थी।’
हीरालाल स्वयं सीए के काम से वाकिफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनके गांव में लोग अब भी पूछ रहे हैं कि क्या सीए की परीक्षा पास करने के बाद सचिन को सरकारी नौकरी मिलेगी।
भाषा
नोमान माधव
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