भुवनेश्वर, आठ जुलाई (भाषा) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के पवित्र रत्न भंडार (खजाने) की मरम्मत और संरक्षण कार्य समाप्त किये जाने के एक दिन बाद मंगलवार को ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि खजाने में संग्रहित कीमती सामान की लंबे समय से प्रतीक्षित सूची बनाने की प्रक्रिया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सहायता से अगस्त में शुरू हो सकती है।
एएसआई के संरक्षण प्रयासों के बाद अगले कदम के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, ‘‘रत्न भंडार में मौजूद कीमती वस्तुओं की सूची अगस्त में कभी भी तैयार की जा सकती है। राज्य सरकार जल्द ही आरबीआई को पत्र लिखकर अनुरोध करेगी कि वह सोमनाथ मंदिर जैसे मंदिरों के आभूषणों और खजानों के ऑडिट का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञों को तैनात करे।’’
मंत्री ने बताया कि रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष आखिरी बार 1978 में खोला गया था जब सोने के आभूषणों और अन्य कीमती वस्तुओं की सूची बनाई गई थी।
तब से, ओडिशा के लोगों की ओर से नए सिरे से सूची बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
एक बड़े चुनावी वादे को पूरा करते हुए, भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने हाल में रत्न भंडार में संग्रहित आभूषणों और अन्य बेशकीमती चीजों की सूची के निर्माण की देखरेख के लिए सेवानिवृत्त उड़ीसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिस्वनाथ रथ की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
हरिचंदन ने कहा कि राज्य के पास 1978 में सूचीबद्ध वस्तुओं का रिकॉर्ड पहले से ही मौजूद है और आगामी ‘स्टॉक-टेकिंग’ कवायद में गहन सत्यापन शामिल होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सटीकता सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा स्टॉक का मिलान 1978 की सूची से करेंगे। अनुभवी स्वर्णकार इसमें शामिल होंगे और इस प्रक्रिया में डिजिटल फोटोग्राफी और वजन एवं निर्माण जैसे विवरणों के साथ ‘कैटलॉगिंग’ शामिल होगी।’
सन् 1978 की सूची रिपोर्ट के अनुसार, रत्न भंडार में लगभग 128 किलोग्राम सोना और 200 किलोग्राम से अधिक चांदी है। साथ ही कई आभूषण भी हैं जिन पर सोने की परत चढ़ी हुई है।
भाषा राजकुमार पवनेश
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