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Wednesday, July 9, 2025

‘भाषा’ पर राजनीति: महाराष्ट्र के नेताओं ने भाजपा सांसद दुबे के ‘विभाजनकारी’ बयान की निंदा की

News‘भाषा’ पर राजनीति: महाराष्ट्र के नेताओं ने भाजपा सांसद दुबे के 'विभाजनकारी' बयान की निंदा की

मुंबई, आठ जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि राज्य में भाषा विवाद पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी अनुचित थी और इससे भ्रम पैदा होने का खतरा था। वहीं, विभिन्न दलों के नेताओं ने दुबे के बयान की निंदा की।

फडणवीस की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब भाषा के मुद्दे पर दुबे की ‘अनुचित’ टिप्पणी की पूरे राजनीतिक हलकों में तीखी निंदा हुई है। प्रदेश भाजपा और सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर से भी उनके बयान पर आपत्ति जताई गई।

झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वालों में अगर हिम्मत है, तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता है, कौन शेर है, खुद ही फैसला कर लो।’’

दुबे की ‘‘पटक पटक के मारेंगे’’ वाली टिप्पणी से विवाद शुरू हो गया।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘‘निशिकांत दुबे ने खास तौर पर एक संगठन के बारे में बात की, न कि आम तौर पर मराठी लोगों के खिलाफ। हालांकि, मेरी राय में इस तरह की टिप्पणी करना अनुचित है। इससे लोगों के मन में भ्रम पैदा होता है।’’

मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बड़ा योगदान महाराष्ट्र का है।

फडणवीस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अतीत और वर्तमान में देश में महाराष्ट्र और मराठी लोगों के योगदान को कोई भी नकार नहीं सकता। अगर कोई इसे नकार रहा है, तो मुझे लगता है कि यह गलत है।’’

उन्होंने भारतीय संस्कृति की रक्षा करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज और मराठों की बहादुरी के बारे में बात की।

सोमवार को, भाजपा नेता और संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने कहा था कि ‘मराठी ‘मानुष’ का कोई भी अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

दुबे का नाम लिए बिना शेलार ने स्पष्ट किया भाजपा के नेतृत्व वाली ‘महायुति’ सरकार किसी भी सांसद द्वारा मराठी मानुष (मराठी भाषी लोगों) की क्षमताओं पर सवाल उठाए जाने के प्रयासों को स्वीकार नहीं करेगी।

उन्होंने भारत के विकास में मराठी भाषियों के योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘मराठी भाषी किसी के पैसे पर जीवित नहीं रहते।’ शेलार ने कहा कि सरकार मराठी या गैर-मराठी भाषियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी।

गृह राज्य मंत्री और शिवसेना विधायक योगेश कदम ने दुबे को ‘अंतिम चेतावनी’ देते हुए कहा है कि ऐसी टिप्पणियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

कदम ने कहा, ‘एक शिवसैनिक के तौर पर मैं दुबे को अंतिम चेतावनी दे रहा हूं। अगर वह इस तरह के बयान दोहराते हैं, तो कड़ी प्रतिक्रिया होगी। वह चार बार के सांसद और वरिष्ठ नेता हैं। उनके जैसे कद के व्यक्ति को इस तरह की बातें करना शोभा नहीं देता।’

भोजपुरी गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ द्वारा अपनी भाषा (भोजपुरी) बोलने पर उन्हें मुंबई से बाहर निकालने की ‘चुनौती’ का जिक्र करते हुए कदम ने कहा, ‘मैं एक शिवसैनिक के तौर पर बोल रहा हूं, मंत्री के तौर पर नहीं। मैं अपने कार्यकर्ताओं को उनका पता दूंगा और देखते हैं कि उनके साथ क्या होता है।’

बोरीवली से भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने लोगों के बीच ‘कड़वाहट’ पैदा करने वाले बयानों के खिलाफ आगाह किया और इस बात पर जोर दिया कि सभी भाषाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।

विपक्षी दलों के नेताओं ने भी दुबे और फडणवीस सरकार की आलोचना की। शिवसेना नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दुबे पर तीखा हमला किया और उनके ‘पटक पटक के मारेंगे’ वाले बयान से मतभेद पैदा करने की कोशिश करने के लिए उन्हें ‘लकड़बग्घा’ करार दिया।

उद्धव ने भाजपा पर ‘‘फूट डालो और राज करो की नीति’’ के जरिये राजनीतिक लाभ हासिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि वह किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बलपूर्वक इसे थोपे जाने का विरोध करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की हमेशा से फूट डालो और राज करो की नीति रही है। राजनीति की यह शैली अब अपनी प्रासंगिकता खो रही है। मैं समझ सकता हूं कि शनिवार को मुंबई में हमारी रैली की सफलता से उनकी पार्टी बेचैन है या नहीं।’’

उद्धव ने मराठी लोगों को निशाना बनाने वाली दुबे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ऐसे ‘लकड़बग्घे’ राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनका (भाजपा नेताओं का) एकमात्र काम लोगों को भड़काना है। हम किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम किसी भी भाषा को थोपने के लिए बल प्रयोग का विरोध करते हैं।’’

उन्होंने भाजपा के राज्य मंत्री आशीष शेलार की गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ हालिया हिंसा की तुलना पहलगाम आतंकवादी हमले से करने के लिए आलोचना की।

उद्धव ने कहा, ‘‘ये लोग महाराष्ट्र और मराठी भाषा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मराठी अधिकारों के लिए आंदोलन करने वालों की तुलना आतंकवादियों से करना इस बात का सबूत है कि वे महाराष्ट्र और मराठी लोगों के खिलाफ हैं।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या पहलगाम के आतंकवादी भाजपा नेताओं के घरों में छिपे हैं? इन लोगों को हिंदुओं की रक्षा न करने और मराठी लोगों का अपमान करने वालों के साथ खड़े होने पर शर्म आनी चाहिए।’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता इम्तियाज जलील ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि दुबे की टिप्पणी का उद्देश्य लोगों को एक खास तरह से प्रतिक्रिया देने के लिए उकसाना है, जिससे अंततः भाजपा को फायदा होगा।

शिवसेना (उबाठा) विधायक आदित्य ठाकरे ने दुबे की उनके ‘बेशर्म’ और सांप्रदायिक बयानों के लिए आलोचना की।

उन्होंने कहा, ‘ये टिप्पणियां मराठी और हिंदी भाषी लोगों के बीच ध्रुवीकरण के राजनीतिक मकसद से की गई हैं। ये सीधे तौर पर भाजपा की रणनीति है कि जहां विवाद नहीं है, वहां विवाद खड़ा किया जाए और फूट डालो और राज करो।’

उन्होंने कहा कि शिवसेना (उबाठा) हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह महाराष्ट्र पर इसे ‘थोपने’ के भाजपा के प्रयासों के खिलाफ है। राकांपा (एसपी) नेता रोहित पवार ने भी यही विचार व्यक्त किए।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप

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