कोलकाता, नौ जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत तथा राज्य में वामपंथी दलों द्वारा समर्थित देशव्यापी हड़ताल के दौरान जनजीवन प्रभावित न हो।
हड़ताल सुबह छह बजे शुरू हुई और इसके समर्थकों ने पूर्वी रेलवे के सियालदह मंडल में सियालदह दक्षिण खंड के डायमंड हार्बर और उत्तर खंड के श्यामनगर में रेलगाड़ियों की आवाजाही रोकने की कोशिश की।
उन्होंने जलपाईगुड़ी, आसनसोल और बांकुरा सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़क मार्ग भी अवरुद्ध करने की कोशिश की।
राज्य में पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा और परिवहन के व्यापक प्रबंध किए हैं ताकि जनजीवन प्रभावित नहीं हो।
यातायात का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस की टुकड़ियां तैनात की गईं।
पश्चिम बंगाल में भारतीय ट्रेड यूनियन संघ (सीटू) के अध्यक्ष अनादि साहू ने बताया कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने ‘‘उदारीकरण, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, ठेका व्यवस्था और अन्य मुद्दों’’ के खिलाफ आम हड़ताल का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि वामपंथी दलों के समर्थन से 10 श्रमिक संगठन नयी श्रम संहिताओं और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।
केंद्र का मानना है कि 1,200 से अधिक धाराओं वाले 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को श्रमिक वर्गों के हित में केवल चार संहिताओं में समाहित किया गया है लेकिन वामपंथी श्रमिक संगठनों एवं अन्य पक्षों का कहना है कि नयी श्रम संहिताएं श्रमिकों के हित में नहीं हैं।
राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए बुधवार को कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया है।
राज्य सरकार ने कार्यस्थलों तक लोगों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर और अधिक बस उपलब्ध कराई हैं।
पश्चिम बंगाल में 2011 से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में किसी भी बंद का विरोध किया है और कहा है कि इससे काम पर असर पड़ता है।
भाषा सिम्मी शोभना
शोभना