बेंगलुरु, नौ जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार की पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से प्रस्तावित मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, ये दोनों नेता बुधवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
सिद्दरमैया और शिवकुमार ने कहा है कि उनकी दिल्ली यात्रा आधिकारिक कार्यों से संबंधित है, लेकिन शीर्ष नेताओं के साथ उनकी बैठक कर्नाटक के मंत्रियों और विधायकों द्वारा राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के संकेत और पार्टी के भीतर असंतोष के मद्देनजर महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं और मंत्रियों तथा विधायकों के मुद्दों के हल के लिए बैठकें कर रहे हैं।
सुरजेवाला ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चाओं पर टिप्पणी करने से मंगलवार को इनकार कर दिया और कहा कि यह अब प्रासंगिक नहीं है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ऐसे निर्णय पार्टी आलाकमान लेता है।
हालांकि, सुरजेवाला ने नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा से इनकार किया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस महासचिव नवंबर या दिसंबर तक नेतृत्व परिवर्तन की जमीन तैयार कर रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं को नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे समेत पार्टी और सरकार के आंतरिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा न करने के सख्त निर्देश दिए जाने के बावजूद विधायक मुखर हैं।
कुछ कांग्रेस विधायक सरकार से नाराज हैं। कागवाड़ से विधायक राजू कागे ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास न होने के कारण इस्तीफा देने की धमकी दी है।
अलंद के विधायक बी.आर. पाटिल ने हाल ही में गरीब परिवारों के लिए आवास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उनका समर्थन करते हुए, बेलूर के एक अन्य कांग्रेस विधायक गोपाल कृष्ण ने आवास मंत्री बी.जेड. ज़मीर अहमद खान से इस्तीफा देने की मांग की।
सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने सितंबर में एक बड़े घटनाक्रम की भविष्यवाणी की।
सुरजेवाला द्वारा विधायकों के साथ बैठक किए जाने के बीच मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने जोर देकर कहा कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
इसके जवाब में, शिवकुमार खेमे के रामनगर से विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन सहित कुछ कांग्रेस विधायकों ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनके नेता मुख्यमंत्री बनें।
शिवकुमार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने न केवल यह कहा कि वह पार्टी के निर्णय का पालन करेंगे, बल्कि अपने समर्थक एवं विधायक हुसैन को उनके बयान के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।
उपमुख्यमंत्री और उनके भाई डी.के. सुरेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री का पद खाली नहीं है।
मई 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्दरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। कांग्रेस ने किसी तरह शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनने के लिए राजी कर लिया था।
उस समय यह भी खबरें थीं कि ‘‘बारी-बारी से मुख्यमंत्री’’ बनने को लेकर एक समझौते पर सहमति बनी है, जिसके तहत शिवकुमार को ढाई साल बाद नवंबर 2025 में मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, पार्टी की ओर से इस समझौते की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
भाषा गोला शोभना
शोभना