कोलकाता, 18 जुलाई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्रशिक्षु महिला चिकिस्तक के साथ बलात्कार एवं हत्या से जुड़े मामले में सजायाफ्ता संजय रॉय की उस याचिका पर 16 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिसमें उसने खुद को दोषमुक्त करने का अनुरोध किया है।
रॉय को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति प्रसन्नजीत बिस्वास की खंडपीठ के समक्ष पेश याचिका में रॉय ने दावा किया है कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं है, लिहाजा उसे दोषमुक्त किया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने रॉय के वकील से मामले से जुड़े सभी पक्षों को याचिका की प्रति देने को कहा।
उच्च न्यायालय ने मामले की जांच करने वाले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अपील पहले ही स्वीकार कर ली है।
हालांकि, उसने पश्चिम बंगाल सरकार की उस अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें रॉय को निचली अदालत की ओर से सुनाई गई सजा को चुनौती दी गई थी।
रॉय के लिए निर्धारित दंड से असंतुष्ट सीबीआई ने सजा बढ़ाने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
सीबीआई की ओर से दलील दी गई है कि सजा के बिंदु पर सुनवाई के समय उसने निचली अदालत से अधिकतम दंड यानी मौत की सजा देने का अनुरोध किया था।
कोलकाता में पिछले साल नौ अगस्त को 31-वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था और लंबे समय तक विरोध-प्रदर्शन हुए।
रॉय को घटना के अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।
उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
निचली अदालत ने 20 जनवरी को रॉय को मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
भाषा पारुल अविनाश
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