कोलकाता, नौ जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के कोलकाता की एक अदालत ने आरजी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या मामले की पीड़िता के माता-पिता की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने वकील को अपराध स्थल पर जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
अदालत ने कहा कि सीबीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने याचिका पर कोई आपत्ति नहीं उठाई।
न्यायाधीश ने कहा कि अदालत को शिकायतकर्ता के साथ उनकी बेटी के प्रति पूरी सहानुभूति है। उन्होंने कहा, ‘‘इस न्यायालय को कानून की प्रक्रिया का पालन किए बिना भावनात्मक रूप से आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं है।’’
इस मामले में एक व्यक्ति को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।
सियालदह अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरिजीत मंडल ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो अदालत को याचिका स्वीकार करने का अधिकार देता हो।
न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा करना कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन होगा।
पीड़िता के माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत के समक्ष कहा था कि अपराध स्थल का उचित मूल्यांकन करने के लिए, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष को छोड़कर, उनके लिए अपराध स्थल का दौरा करना आवश्यक है, ताकि उन्हें पूर्ण न्याय मिल सके।
ड्यूटी पर तैनात स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव नौ अगस्त, 2024 को अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष में मिला था।
भाषा
देवेंद्र माधव
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