29.9 C
Jaipur
Thursday, July 10, 2025

दक्षिण अफ्रीका में भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के आगमन की स्मृति में स्मारक का निर्माण शुरू

Newsदक्षिण अफ्रीका में भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के आगमन की स्मृति में स्मारक का निर्माण शुरू

जोहान्सबर्ग, 10 जुलाई (भाषा) दक्षिण अफ्रीका में 1860 में डरबन तट पर उतरे पहले गिरमिटिया मजदूरों की स्मृति में एक स्मारक का निर्माण शुरू हो गया है।

इस स्मारक के निर्माण पर फैसला लगभग एक दशक पहले लिया गया था।

इस स्मारक के निर्माण के लिए धन क्वाज़ुलु-नटाल (केजेडएन) प्रांत की प्रांतीय सरकार कर रही है। दक्षिण अफ्रीका की लगभग 18 लाख भारतीय मूल की दो-तिहाई से अधिक आबादी इस प्रांत में निवास करती है।

शुरुआत में स्मारक में एक मेहराब के अंदर एक घंटाघर बनाने की योजना थी, जो गन्ने के खेत में काम करने वाले उन गिरमिटिया मज़दूरों के उस कठिन परिश्रम का प्रतीक था जो उन्हें सुबह से शाम तक तब तक करना पड़ता था जब तक कि घड़ी की सूई दिन के अंत का संकेत न दे दे।

लेकिन स्थानीय भारतीय समुदाय में असहमति के बाद अंततः इस बात पर आम सहमति बनी कि स्मारक के चबूतरे पर एक पुरुष, महिला और बच्चे की कांस्य मूर्ति स्थापित की जाएगी।

यह स्मारक 16 नवंबर तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। वर्ष 1860 में मद्रास से मजदूरों के पहले समूह को लेकर एसएस ट्रूरो पोत दक्षिण अफ्रीका पहुंचा था। गिरमिटिया मजदूरों के यहां आने की यह 165वीं वर्षगांठ होगी।

उन्हें दक्षिण अफ्रीका में आकर्षक नौकरियों का वादा करके लुभाया गया था लेकिन उनमें से अधिकांश को ब्रिटेन के लोगों के स्वामित्व वाले गन्ने के खेतों में लगभग गुलामों जैसी कठोर परिस्थितियों में रहना पड़ा।

हालांकि, मजदूरों ने दृढ़ता से काम लिया और अपने स्वयं के मंदिर, मस्जिद और स्कूल बनाए, जिसके कारण आज उनके वंशजों की साक्षरता दर सौ प्रतिशत है और वे कारोबार से लेकर विभिन्न तरह के पेशे में हैं।

देश में बने ‘1860 हेरिटेज सेंटर’ के निदेशक सेल्वन नायडू गिरमिटिया मजदूरों की याद में स्मारक निर्माण के प्रणेता हैं।

नायडू ने कहा, ‘‘हम क्वाजुलू-नटाल सरकार और केजेडएन खेल, कला और संस्कृति विभाग के आभारी हैं, जिन्होंने उन अनुबंधित श्रमिकों की विरासत का सम्मान किया जो दक्षिण अफ्रीका राष्ट्र का निर्माण करने आए थे।’’

भाषा शोभना नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles