देहरादून, 10 जुलाई (भाषा) कांवड़ यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले ‘छद्म भेषधारियों’ के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों, विशेषकर महिलाओं को ठग रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इससे न सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में किसी भी धर्म का व्यक्ति यदि ऐसे कृत्य करता हुआ मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर भ्रमित करने का प्रयास किया था, वैसे ही आज समाज में कई “कालनेमि” सक्रिय हैं जो धार्मिक भेष धारण कर अपराध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार जनभावनाओं, सनातन संस्कृति की गरिमा की रक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
धामी का यह बयान श्रावण कांवड़ यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले आया है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से कांवड़िए गंगा जल भरने के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। इस गंगा जल से कांवड़िए अपने गांवों और घरों के शिवालयों में शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
करीब एक पखवाड़े तक चलने वाली इस कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले कांवड़ियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। पिछले साल कांवड़ यात्रा में चार करोड़ से अधिक कांवड़िए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचे थे ।
पुलिस और प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार और अधिक कांवड़िए आ सकते हैं तथा कांवड़ियों के भेष में अपराधियों के आने की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों इस संबंध में एक बैठक कर अधिकारियों को पूर्व के वर्षों की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे ताकि इस वर्ष उनकी पुनरावृत्ति न हो।
धामी ने कहा था कि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़, उपद्रव या अन्य अवांछनीय घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी सुरक्षा इंतजाम किए जाएं तथा शिविर संचालकों, वहां काम करने वाले व्यक्तियों, स्वयंसेवकों और होटल तथा धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों का पूर्ण सत्यापन किया जाए।
भाषा दीप्ति नोमान
नोमान