तिरुवनंतपुरम, 10 जुलाई (भाषा) केरल विश्वविद्यालय के कुलसचिव के निलंबन को लेकर बृहस्पतिवार को वामपंथी छात्र संगठन और युवा संगठनों ने विश्वविद्यालय और राजभवन के बाहर कुलपति और कुलाधिपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) ने विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उनके कार्यों के विरोध में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के आवास तक मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रभाव में उच्च शिक्षण संस्थानों का ‘‘भगवाकरण’’ करने का प्रयास किया जा रहा है।
एसएफआई कार्यकर्ता राज्यपाल के आवास की ओर जाने वाली सड़क पर लगाए गए बैरिकेड पर चढ़ गए और बार-बार पानी की बौछारों के बावजूद वहां से नहीं हटे, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के इस्तेमाल की चेतावनी दी।
हालांकि, एसएफआई नेता बैरिकेड के ऊपर डटे रहे। वहां से, उन्होंने प्रदर्शनकारियों और मीडिया को संबोधित किया और अपना आरोप दोहराया कि संघ परिवार राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों का ‘‘भगवाकरण’’ करने का प्रयास कर रहा है। एसएफआई नेताओं ने जोर देकर कहा कि शिक्षा का ‘‘केरल मॉडल’’ ऐसे प्रयासों का विरोध करेगा।
इस बीच, भाकपा से संबद्ध अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसएफ) ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के पास विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, भारी संख्या में तैनात पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें हटा दिया।
विश्वविद्यालय के द्वार के बाहर डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के सदस्य भी बड़ी संख्या में जमा हो गए। कुछ प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए, उन पर पानी की बौछारें की गईं और पुलिस कर्मियों से उनकी झड़प हुई।
बाद में डीवाईएफआई के कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड के सामने बैठ गए और केरल विश्वविद्यालय के कुलपति मोहनन कुन्नुममल और कुलाधिपति आर्लेकर के खिलाफ नारे लगाए।
भाषा शफीक पवनेश
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