नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को खनन समूह का आकार दोगुना करने के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण की रूपरेखा पेश की जो कारोबार के विभाजन, विविधीकरण और कर्ज घटाने पर केंद्रित ‘3डी’ रणनीति पर आधारित है।
वेदांता लिमिटेड की 60वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि कारोबार विभाजन की प्रक्रिया के तहत अलग किए गए प्रत्येक व्यवसाय में 100 अरब डॉलर का उद्यम बनने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, ‘‘कारोबार के विभाजन, विविधीकरण और कर्ज घटाने की हमारी 3डी रणनीति हमें आकार को दोगुना करने और अपने हितधारकों के लिए अधिकतम मूल्य हासिल करने में सक्षम बनाएगी।’’
अग्रवाल ने कहा कि कंपनी इस समय अपने कारोबार पुनर्गठन के उन्नत चरण में है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कारोबार विभाजन के प्रस्ताव को 99.5 प्रतिशत से अधिक शेयरधारकों और लेनदारों का समर्थन प्राप्त है। यह एक अभूतपूर्व विश्वास मत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव पर अमल होने के बाद वेदांता लिमिटेड में प्रत्येक शेयर के बदले प्रत्येक शेयरधारक को चार अलग होने वाली कंपनियों में से प्रत्येक में एक-एक शेयर मिलेगा।’’
वेदांता के चेयरमैन ने कहा, ‘‘कारोबार विभाजन के बाद प्रत्येक व्यवसाय को एक नया ‘फोकस’, नए निवेशक और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।’’
अग्रवाल ने कहा कि वेदांता की योजना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 1,000 स्टार्टअप कंपनियों के साथ साझेदारी करने की भी है। इससे वेदांता सबसे बड़े नवाचार केंद्रों में से एक बन जाएगी जो अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी दिग्गजों को पोषित करेगा।
कंपनी के कारोबार को अलग करने से एल्युमीनियम, तेल एवं गैस, बिजली, लोहा एवं इस्पात और जस्ता एवं चांदी पर केंद्रित अलग-अलग इकाइयां बनेंगी। वेदांता के प्रत्येक शेयरधारक को नई कंपनियों में शेयर मिलेंगे।
वेदांता लिमिटेड की वार्षिक आम बैठक अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी वायसराय रिसर्च की बुधवार को जारी उस रिपोर्ट के एक दिन आयोजित हुई है जिसमें अग्रवाल के नेतृत्व वाली ब्रिटिश कंपनी वेदांता रिसोर्सेज को ‘परजीवी’ और भारतीय इकाई को ‘व्यवस्थित रूप से खत्म’ करने वाला बताया गया था।
अमेरिकी फर्म ने वेदांता लिमिटेड की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज के ऋण के खिलाफ एक शॉर्ट पोजीशन ली थी। उसने आरोप लगाया कि यह समूह ‘अस्थिर ऋण, लूटी गई संपत्तियों और लेखांकन की कल्पना की नींव पर बना एक ताश का घर है।’
वेदांता ने इस आरोप को ‘चुनिंदा गलत सूचनाओं पर आधारित और आधारहीन’ बताते हुए खारिज कर दिया था। उसने कहा था कि इस रिपोर्ट का मकसद कंपनी को बदनाम करना है।
वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी वेदांता लिमिटेड का कारोबार भारत, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लाइबेरिया, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों में फैला हुआ है। यह दुनिया की अग्रणी प्राकृतिक संसाधन, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है।
अग्रवाल ने कहा कि भारत का भू-विज्ञान कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे संसाधन-समृद्ध देशों के बराबर है, लेकिन केवल 25 प्रतिशत क्षेत्र में ही खनिज संपदाओं का अन्वेषण किया गया है।
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में त्वरित वृद्धि के लिए उपयुक्त समय है।
कंपनी ने पूरे भारत में 10 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक हासिल किए हैं, जो किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी को हासिल सर्वाधिक खनिज ब्लॉक में से एक है।
कंपनी दुनिया का पहला औद्योगिक जिंक पार्क और देश का सबसे बड़ा एल्युमीनियम पार्क भी स्थापित कर रही है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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