लखनऊ, 10 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता (उप्र एटीएस) ने धर्मांतरण गिरोह और अवैध वित्तपोषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की हिरासत ले ली है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एटीएस अवैध वित्तपोषण से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों का भी पता लगाएगी।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अमिताभ यश ने यहां पुलिस मुख्यालय में संवाददाताओं को बताया कि एटीएस द्वारा पूर्व में दर्ज मामले में पांच जुलाई को जलालुद्दीन और नसरीन को गिरफ्तार किया गया था।
एक विशेष अदालत ने बुधवार को जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को एक सप्ताह की एटीएस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
यश ने कहा कि एटीएस अब इनके नेटवर्क, अवैध वित्तपोषण के स्रोतों और अवैध साधनों से खरीदी गई संपत्तियों के बारे में आरोपियों से पूछताछ करेगी।
उन्होंने कहा, “इस गिरोह के धन के स्रोतों, विभिन्न क्षेत्रों में फैले इसके नेटवर्क के साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि अवैध रूप से हासिल की गई इन संपत्तियों का कैसे उपयोग किया गया और कैसे इन संपत्तियों को जायज बनाया गया। गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और ऐसी संपत्तियों को ध्वस्त किया जाएगा।”
यह पूछे जाने पर कि इस गिरोह के जरिए कितने लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया, यश ने कहा कि चूंकि यह गिरोह कथित तौर पर 15 वर्षों से अधिक समय से सक्रिय है, इसलिए व्यापक स्तर पर धर्म परिवर्तन कराए जाने की संभावना है। हालांकि उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक सटीक संख्या बताना जल्दबाजी होगी।
इस मामले में नौ लोगों के नाम सामने आए हैं तो केवल चार लोगों की गिरफ्तारी क्यों की गई, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर ही गिरफ्तारी की जाती है।
उन्होंने कहा कि एटीएस पहले ही उन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिनके खिलाफ ठोस साक्ष्य उपलब्ध थे।
माफिया एवं पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी से जलालुद्दीन का संबंध होने की रिपोर्ट पर यश ने कहा कि ऐसे सभी संपर्कों की जांच की जा रही है और जांच में पुष्टि होने के बाद ही कोई औपचारिक बयान जारी किया जाएगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के इस मामले में शामिल होने को लेकर उन्होंने पुष्टि की कि इस केंद्रीय एजेंसी ने एटीएस से प्राथमिकी की प्रति देने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, “हालांकि इस चरण में पुलिस मुख्यालय से हमें धन शोधन की जांच के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है।”
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ पांच जुलाई को बलरामपुर में माधपुर गांव से गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर ही वित्तीय प्रोत्साहन, शादी के प्रस्ताव और भावनात्मक रूप से दबाव बनाकर कमजोर तबके के लोगों को इस्लाम कबूल कराने का आरोप है। जलालुद्दीन पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।
दो अन्य आरोपियों- नवीन उर्फ जमालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन के बेटे) को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में ये लखनऊ की जेल में बंद हैं।
भाषा किशोर राजेंद्र नोमान
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