नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लि. (इरेडा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कंपनी के बॉन्ड पर अब कर नहीं लगेगा। इस कदम से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में और निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था इरेडा ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के तहत इरेडा द्वारा जारी बॉन्ड को ‘दीर्घकालिक विशेष परिसंपत्ति’ के रूप में अधिसूचित किया है।’’
नौ जुलाई से प्रभावी अधिसूचना के अनुसार, पांच वर्षों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना तिथि को या उसके बाद इरेडा द्वारा जारी किए गए बॉन्ड आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के तहत कर छूट के लिए पात्र होंगे। इसके तहत कंपनी के निर्दिष्ट बॉन्ड में निवेश पर पूंजीगत लाभ कर से छूट मिलेगी।
इस कदम से कर-बचत साधनों की तलाश करने वाले निवेशकों के आकर्षित होने और देश में हरित ऊर्जा वित्तपोषण परिवेश को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
पात्र निवेशक एक वित्त वर्ष में इन बॉन्ड में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) पर कर बचा सकते हैं।
इससे इरेडा के लिए कोष की लागत कम होगी जो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
इन बॉन्ड से प्राप्त राशि का उपयोग विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। ऐसी परियोजनाएं अपने राजस्व के माध्यम से ऋण चुकाने में सक्षम होंगी और कर्ज चुकाने के लिए राज्य सरकारों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
इरेडा के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने कहा, ‘‘सरकार से मान्यता देश में नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण में तेजी लाने में इरेडा की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करती है। हमारे बॉन्ड को कर-मुक्त दर्जा मिलने से निवेश का एक आकर्षक अवसर मिलेगा और साथ ही हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे 2030 तक भारत के 500 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हरित ईंधन क्षमता लक्ष्य में योगदान मिलेगा।’’
भाषा रमण अजय
अजय अनुराग
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