नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई की विशेष अदालत ने एक कंपनी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और उसके प्रबंध निदेशक को तीन साल की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने झारखंड में महुआगढ़ी कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं के लिए जेएएस इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक मनोज कुमार जायसवाल को जेल की सजा सुनाई और कंपनी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने आठ जुलाई को दिए गए आदेश में कहा, ‘‘मौजूदा मामला एक कोयला ब्लॉक के आवंटन से संबंधित है। दोषियों (कंपनी और उसके निदेशक) ने भारत सरकार के साथ धोखाधड़ी करके उक्त ब्लॉक हासिल किया था।’’
अदालत सीबीआई के उप-कानूनी सलाहकार से सहमत थी, जिन्होंने कहा था कि ‘‘देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘मनोज कुमार जायसवाल को आईपीसी की धारा 120-बी/420 के तहत दंडनीय अपराध के लिए तीन साल के कठोर कारावास और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई जाती है। उसे आईपीसी की धारा 420 के तहत दंडनीय अपराध के लिए तीन साल के कठोर कारावास और पांच लाख रुपये के जुर्माने की भी सजा सुनाई जाती है।’’
अदालत ने कहा कि ये सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
अदालत ने कंपनी पर धोखाधड़ी की आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी के अपराध के लिए 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सजा सुनाए जाने के बाद, जायसवाल ने अपनी सजा को निलंबित करने के लिए एक आवेदन दायर किया ताकि वह दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सके।
अदालत ने कहा, ‘‘दोषी को सुनायी गई कारावास की सजा 60 दिनों के लिए निलंबित रहेगी तथा उसे एक लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि का जमानत मुचलका जमा करने पर जमानत दी जाती है।’’
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश