देहरादून, 10 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहन (विनिर्माण और क्रय) नीति-2025 तैयार की जा रही है ।
प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को परिवहन विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक बैठक में इस नीति का मसौदा प्रस्तुत किया गया और उसके विभिन्न आयामों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी।
बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि उत्तराखंड में हरित परिवहन की अवधारणा को साकार करने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इलेक्ट्रिक वाहन के संबंध में तय किए गए 2030 तक के लक्ष्य के अनुरूप नीति में विनिर्माताओं, उपभोक्ताओं और संचालकों, सभी के लिए बेहतर प्रोत्साहन का प्रावधान शामिल करें जिससे प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन का एक बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र बन सके।
उन्होंने बेहतर प्रोत्साहन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल परिवेश तैयार करने में आने वाले अवरोधों के त्वरित समाधान के लिए भी नीति में प्रभावी और त्वरित निगरानी तंत्र विकसित करने का प्रावधान किए जाने के भी निर्देश दिए।
प्रदेश के सचिव विनय शंकर पांडेय ने प्रस्तुतिकरण के जरिये बताया कि उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए इस नीति में विनिर्माताओं, उपभोक्ताओं और चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना आदि के लिए बेहतर प्रोत्साहन का प्रावधान किया जा रहा है। इस नीति में कार्बन क्रेडिट लाभ के लिए प्रेरक प्रोत्साहन, उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए प्रोत्साह, पूंजी सब्सिडी, स्टाम्प ड्यूटी, ब्याज सब्सिडी, भूमि रिबेट, शोध एवं विकास सुविधा इत्यादि सभी के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया जा रहा है।
प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि इसमें वाहन की अलग-अलग श्रेणी— दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया, ई—बस बस आदि के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान शामिल होगा।
पांडेय ने बताया कि भारत में कुल वाहनों की संख्या 34 करोड़ है जिसमें से 61.65 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हैं। उत्तराखंड में कुल 42,15,496 वाहन हैं जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 84,614 हैं।
भाषा दीप्ति
नोमान अजय
अजय