बेंगलुरु, 10 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के हासन जिले में जब युवाओं को दिल का दौरा पड़ने से अचानक उनकी मौत होने के हालिया मामलों का विश्लेषण किया गया, तो इनकी संख्या में कोई असामान्य वृद्धि नहीं पाई गई। राज्य सरकार को बृहस्पतिवार को सौंपी गई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
पिछले छह महीनों में श्री जयदेव हृदय रोग विज्ञान संस्थान और मैसूर तथा कलबुर्गी स्थित इसके परिधीय केंद्रों में हृदय संबंधी मामलों से जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण से भी दिल के दौरे से होने वाली मौतों की दर में वृद्धि का कोई रुझान सामने नहीं आया।
मीडिया में हासन में दिल के दौरे से युवाओं की मौत के मामलों में वृद्धि होने से संबंधित खबरें आने और इसे लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ने के बीच स्थिति की जांच के आदेश दिए गए थे।
जिले में मई और जून 2025 के बीच दर्ज की गई 24 मौतों में से प्रत्येक की जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी। मृतकों की उम्र 14 से 45 साल के बीच थी।
जयदेव संस्थान के निदेशक डॉ. केएस रवींद्रनाथ ने कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव को “हासन जिले में युवाओं की अचानक मौत होने के मामलों में वृद्धि पर जांच रिपोर्ट” सौंपी। राव ने बृहस्पतिवार को मीडिया से जांच के निष्कर्ष साझा किए।
मंत्री ने संवाददताओं से कहा कि जांच में हाल के महीनों में दिल के दौरे के मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, “इसमें भारी वृद्धि नहीं हुई है। 75 फीसदी मामलों में मौत के कारणों का पता लगाया जा सका। बाकी 25 प्रतिशत मामलों में कारण अज्ञात हैं।”
राव ने कहा कि सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम न होने से संपूर्ण आंकड़े उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों में 19 से 43 साल की उम्र के सात लोगों की अचानक मौत हो गई।
मंत्री ने कहा, “19, 21, 23 और 32 वर्ष की आयु के व्यक्तियों की अचानक मौत हुई, जो चिंताजनक है। अचानक मौत के 20 मामलों में सात मृतकों की उम्र 45 साल से कम थी, जिस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।”
राव ने कहा कि इन सात मृतकों में से चार के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध थी और उनमें मौत के पीछे ‘हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया’ का हाथ होने के संकेत मिले, जो एक आनुवंशिक स्थिति है, जिसका पता जांच के जरिये लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में सिगरेट और शराब की लत को असामयिक मौत के लिए जिम्मेदार पाया गया।
भाषा पारुल माधव
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