ठाणे/मुंबई, 10 जुलाई (भाषा) नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और ठाणे स्थित शिलफाटा के बीच बनाई जा रही 21 किलोमीटर लंबी सुरंग में पहली सफलता हासिल हो गई है।
एनएचएसआरसीएल की एक विज्ञप्ति के अनुसार, कुल 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण में पहली सफलता बुधवार को मिली।
विज्ञप्ति के अनुसार, इसके साथ ही ‘न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड’ (एनएटीएम) का उपयोग कर सुरंग के 2.7 किलोमीटर लंबे खंड के निर्माण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
बयान में कहा गया है कि यह भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। परियोजना का उद्देश्य मुंबई और अहमदाबाद को हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर से जोड़ना है, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और दोनों शहरों के बीच परिवहन दक्षता बढ़ेगी।
बयान के अनुसार, ‘‘कुल 21 किमी लंबी सुरंग हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी, जिसमें से 16 किलोमीटर सुरंग बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का उपयोग कर और शेष 5 किलोमीटर न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) के जरिये बनाई जाएगी, विशेष रूप से शिलफाटा और घनसोली के बीच। सुरंग में, समुद्र के अंदर ठाणे क्रीक का सात किमी लंबा खंड भी शामिल है।’’
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि 16 किमी लंबी सुरंग के निर्माण के लिए कंपनियों से टीबीएम अभी तक प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन इन मशीनों को संचालित करने के लिए शाफ्ट और अन्य उपकरण मौजूद हैं।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।
परियोजना के लिए, केंद्र सरकार एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र को 5,000-5,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है।
शेष राशि जापान द्वारा 0.1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
भाषा
सुभाष पवनेश
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